तिरुवनंतपुरम: केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (केजीएमओए) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की केरल इकाई ने गुरुवार को राज्य सरकार से कहा कि उफनते कोरोना मामलों से निपटने के लिए रणनीति में बदलाव होना चाहिए। सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने राज्य सरकार से केरल में कोरोना रोगियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए भीड़ को नियंत्रित करने के सख्त उपाय लागू करने की मांग की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्टेट चैप्टर के मुताबिक, अगले दो हफ्तों के लिए माइक्रो अकांव और कर्फ्यू लगाया जाना चाहिए। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पीटी जचरियास ने कहा कि चेन अभियान को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए क्योंकि यह बीमारी एक व्यक्ति से 10 या 15 अन्य तक फैल सकती है। बुधवार को जब 1,21,763 लोगों का परीक्षण किया गया, 22,414 का परीक्षण सकारात्मक है, जो राज्य में सकारात्मक मामलों की सबसे अधिक दैनिक संख्या है। इससे सक्रिय मामलों की संख्या 1.35 लाख से अधिक हो गई। आईएमए ने मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए परीक्षाओं को जल्द कराने को भी कहा क्योंकि निवर्तमान हाउस सर्जनों के लिए रिप्लेसमेंट होना है। केजीएमओए--राज्य में स्वास्थ्य सेवा विभाग के तहत कार्यरत चिकित्सा डॉक्टरों का शव--मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को लिखे अपने पत्र में दैनिक परीक्षण में वृद्धि का स्वागत करते हुए हालांकि आगाह किया कि अगर परीक्षा परिणाम मिलने में देरी होने वाली है तो यह सामूहिक परीक्षण की कवायद उल्टा पड़ सकती है। चुनाव अधिकारी को ‘जय श्रीराम’ बोलना पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने ड्यूटी से हटाया बंगाल चुनाव: बैरकपुर में TMC उम्मीदवार को भाजपा समर्थकों ने घेरा, लगाए 'गो बैक' के नारे दिल्ली-यूपी के बाद अब हरियाणा में भी लगा लॉकडाउन, 6 बजे बंद हो जाएंगे बाजार