तिरुवनंतपुरम: तत्कालीन ओमन चांडी सरकार को हिलाकर रख देने वाले कुख्यात सौर घोटाले के मुख्य आरोपी ने कहा है कि उनकी एक ऑडियो क्लिप 'फर्जी' है और इसलिए इसे फोरेंसिक जांच के अधीन किया जाना चाहिए। केरल विधानसभा चुनाव से कई महीने पहले आने वाले ऑडियो क्लिप में आरोपी सरिता नायर को कथित तौर पर एक व्यक्ति से बात करते हुए सुना गया है कि सत्तारूढ़ सीपीआई-एम ने उन्हें उस पार्टी को दी गई सेवाओं के लिए पैसा बनाने के लिए कहा है। सरिता ने कथित तौर पर नौकरी के आकांक्षी एसएस अरुण को बताया, "माकपा मुझे जानती है और मुझसे थोड़ा डरती है। जिन्होंने उन्हें सरकारी नौकरी पाने के लिए भुगतान किया था, मैं इसका इस्तेमाल भी कर रही हूं। कथित तौर पर दावा है कि इस तरह एकत्र पैसे पार्टी और अधिकारियों को जो नौकरियों के लिए दस्तावेजों की प्रक्रिया के बीच साझा किया जाता है। शहर के बाहरी इलाके में रहने वाले अरुण ने इस बात की पुष्टि की कि वह सरिता के संपर्क में आया था और उसने सरकारी नौकरी का वादा करने के बाद पैसे दिए थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके बीच 317 टेलीफोन कॉल्स आई थीं और उनके फोन के बाद उन्हें पता चला कि ऑडियो क्लिप पर महिला की आवाज--जिसने राज्य सचिवालय में कर्मचारी होने का दावा किया था-सरिता की तरह लग रही थी। बाद में उन्होंने कहा, उन्होंने उनसे पूछा कि क्या वह सरिता हैं और उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। अरुण ने आरोप लगाया कि वादा किया गया नौकरी कभी उनके रास्ते नहीं आया और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक कि सरिता ने यह भी कहा कि उन्हें कोई सुराग नहीं है कि अरुण कौन थे और यह आवाज भी उनकी नहीं थी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी ने उदासीन चुप्पी बनाए रखी। इस विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के लोकसभा सदस्य के मुरीदन ने कहा कि यह वास्तव में आश्चर्य की बात है कि माकपा इस मुद्दे पर चुप थी। उन्होंने दावा किया, "कोई कार्रवाई नहीं आने वाली है और यह सत्तारूढ़ पार्टी के दोहरे मापदंड को दर्शाता है। गोहत्या विरोधी: कर्नाटक सरकार ने पारित किया विधेयक मुस्लिम तुष्टिकरण की छवि बदलने की कवायद में TMC, 125 जगहों पर करेगी सरस्वती पूजन गुलाम नबी आज़ाद की विदाई पर भावुक हुए पीएम मोदी, तारीफ में कही ये बात