लखनऊ : नमक जीवन का अनिवार्य तत्व है. इसके बढ़ने या घटने से कई परेशानियां सामने आती हैं. यही हाल देश में फैले भ्रष्टाचार का है, जो देश की रगों में नमक की भांति रच -बस गया है. शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अनजाने में ही सही, लेकिन सच बात कह दी कि, दाल में जितना नमक समाए उतना जायज है. उनके इस विवादित बोल ने तूल पकड़ लिया है और इसे लेकर उनकी आलोचना भी हो रही है. दरअसल हुआ यूँ कि गत दस सितंबर रविवार को हरदोई की एक सभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम भ्रष्टाचारमुक्त शासन चाहते हैं. यदि ठेकेदार और अधिकारी दोनों मिलकर सड़क बनाने के नाम पर पैसा लायेंगे, लेकिन सड़क नहीं बनायेंगे, तो अब ऐसा कोई भी ठेकेदार नहीं कर पायेगा. कोई अधिकारी भी इस तरह से नौकरी नहीं कर सकेगा. खाओ लेकिन दाल में जैसे नमक खाया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि व्यापार करना गलत नहीं है, लेकिन जनता का जो हिस्सा है, उसे लूटेंगे तो सरकार उन्हें माफ नहीं करेगी. बता दें कि अपने उद्बोधन में मौर्य ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को डिप्रेशन का शिकार बताकर नसीहत दी कि उन्हें कुछ दिन घर में बैठकर आराम करना चाहिए. पिछली सरकार को पत्थर दिल बताते हुए उन्होंने कहा कि वह केवल शिलान्यास ही करती थी, लेकिन भाजपा विकास पर भरोसा करती है और विकास ही कर रही है. बहरहाल, इतना सब कुछ कहने के बाद भी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. जानिए क्या चल रहा है हमारे देश की राजनीती में, पढिये राजनीतिक पार्टी से जुडी ताज़ा खबरें PM मोदी के दम से ही डोकलाम से पीछे हटा चीन वर्ष 2019 में भाजपा को हराने में लगे हैं विधायक संगीत सोम