कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की बड़ी सफलता, अब X-Ray मशीन करेगी मरीज की पहचान

लखनऊ: देशभर में फैली वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए सभी लोग एकजुट हैं. सभी अपनी क्षमता के मुताबिक कोरोना के खिलाफ जंग में योगदान दे रहे हैं. इसी क्रम में लखनऊ के केजीएमयू और अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक प्रोग्राम तैयार किया है. जिससे केवल सीने यानी छाती का एक्स-रे (X-Ray ) देखकर यह पता चल पाएगा कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं.

यूपी के सबसे बड़े अस्पताल केजीएमयू ने राज्य के तमाम जिलों से कोविड मरीजों का छाती का एक्स-रे मंगाकर इस पर काम आरम्भ कर दिया है, जो जल्द ही क्लीनिकल ट्रायल में जाएगा. लखनऊ के केजीएमयू ने बकायदा एक प्रेस वार्ता करके इस संबंध में जानकारी दी है. प्रेस वार्ता में कहा गया कि चीन और अमेरिका के बाद KGMU जल्द ही एक्स-रे देखकर कोरोना मरीजों की पहचान करेगा. एक्स-रे से ना केवल कोविड मरीजों का पता चलेगा बल्कि फेफड़े के संक्रमण से यह भी पता लग पाएगा कि मरीज कब और कितनी जल्दी स्वस्थ हो सकता है.

आपको बता दें कि जब चीन में रैपिड टेस्ट कम हो रहे थे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यह तरीका असरदार साबित हुआ था. इस तरीके से कोरोना संक्रमित रोगियों की पहचान करने का काम अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और कुछ अन्य देशों भी कर रहे हैं. अब जल्दी भारत में KGMU में यह शुरू होने जा रहा है.

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