लखनऊ : किंग जार्ज चिकित्सा विश्र्वविद्यालय [केजीएमयू] के ट्रामा सेंटर में कल शाम सा़ढे सात बजे लगी भीषण आग से 6 मरीजों की मौत होने और कई मरीजों की हालत गंभीर होने का मामला सामने आया है. आग लगने के समय ट्रॉमा सेंटर में चार सौ से ज्यादा मरीज भर्ती थे. आग लगने का कारण एसी में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि दूसरे फ्लोर पर स्थित एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट [एटीएलएस] वार्ड में अचानक लगी आग देखते ही देखते फ़ैल कर तीसरे फ्लोर पर मेडिसिन स्टोर में भी पहुंच गई.ट्रॉमा की दूसरी मंजिल पर बनी एटीएलएस यूनिट में प्लास्टिक के बेड व मैनीक्विन रखी थीं. इस कारण आग बहुत तेजी से फैली. इस घटना में हेमंत कुमार के अलावा लखनऊ के वसीम और अरविंद कुमार समेत 6 की मौत हो गई. कई मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है. आग का दृश्य इतना विकराल था कि चारो ओर धुंआ और भीषण आग की लपटों के बीच डाक्टर जिन मरीजों का ऑपरेशन कर रहे थे वे जान बचाने के लिए बीच में ही ऑपरेशन छो़डकर भाग गए. तीमारदारों ने जैसे तैसे स्ट्रेचर पर लादकर अपने मरीजों को नीचे उतारा. ट्रॉमा सेंटर के बाहर स़़डक पर स्ट्रेचर पर मरीजों की कतारें लग गईं. बता दें कि आग पर दमकल की आधा दर्जन गाड़ियां काबू पाने की भरसक कोशिश कर रही थी. कर्मचारियों ने किसी तरह खि़डकियों के शीशे तो़डकर धुंए को बाहर निकाला. देर रात तक आग बुझाने में दस दमकल, 45 दमकलकर्मी, एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म कई थानों का पुलिसबल जुटा हुआ था.ट्रॉमा सेंटर में सर्च ऑपरेशन चलाकर जो मरीज फंसे थे उन्हें बाहर निकाला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच तीन दिन के अंदर मंडलायुक्त लखनऊ से करने और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. यह भी देखें लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में लगी आग हमने 10 भारतीयों को खो दिया : सुषमा