नई दिल्ली: कुछ वर्षों पूर्व जब लोग जब मिट्टी के घरों में रहा करते थे, तब वे लोग दीवारों से लेकर फर्श तक गोबर से लीपा करते थे. आधुनिक काल में शहरी सभ्यता विकसित होने के बाद दीवारों पर गोबर की लिपाई का स्थान डिस्टेंपर, इमल्शन और प्लास्टिक पेंट ने ले लिया. किन्तु अब खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने गोबर को बेस बनाकर एक ‘वैदिक पेंट’ बनाया है. खादी इंडिया का यह प्राकृतिक पेंट गोबर से बना होने के बाद भी बदबू रहित है. दरअसल, यह पूरी तरह गंधहीन है और इसमें आम डिस्टेंपर या पेंट के जैसे विषैले पदार्थ भी नहीं है. यही नहीं गोबर से बना होने की वजह से इसमें एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज मौजूद हैं. कोरोना महामारी के दौर में लोगों का रुझान एंटी-वायरल टूथब्रश से लेकर लेमिनेट्स तक बढ़ा है. ऐसे में यह पेंट कई अन्य कंपनियों के एंटी-वायरल पेंट को बाजार में प्रतिस्पर्धा भी देगा. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भी इस पेंट को अपने मानकों पर टेस्ट करने के बाद प्रमाणित किया है. इसकी टेस्टिंग देश की तीन बड़ी लैब ‘नेशनल टेस्ट हाउस’ मुंबई और गाजियाबाद एवं श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली में की गई है. आम पेंट में सीसा (लेड), पारा (मरकरी), कैडमियम, क्रोमियम जैसी हानिकारक भारी धातुएं होती हैं. जबकि खादी के ‘प्राकृतिक पेंट’ में ऐसी कोई धातु मौजूद नहीं है. बायबैक प्लान पर गेल इंडिया ने शेयर किया अपना सबसे ऊँचा रिकॉर्ड तीन दिनों में दूसरी बार सस्ता हुआ सोना वायदा, चांदी भी टूटी एक और बैंक हुआ बंद, अब RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस