खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई हरप्रीत ड्रग्स मामले में गिरफ्तार, पिता बोले - ये बदनाम करने की साजिश

अमृतसर: पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आज जानकारी दी है कि खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के बड़े भाई हरप्रीत सिंह सहित तीन लोगों को गुरुवार रात फिल्लौर के पास जालंधर-पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग पर 4 ग्राम ICE (मेथामफेटामाइन) के साथ गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, हरप्रीत उर्फ ​​हैप्पी अमृतसर जिले के जाल्लू खेड़ा गांव का रहने वाला है, वहीं लवप्रीत सिंह अमृतसर जिले के चीमा बाथ गांव से हैं और संदीप अरोड़ा लुधियाना के निवासी हैं।

जालंधर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अंकुर गुप्ता ने मीडिया को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस ने रात 11 बजे जालंधर जिले के फिल्लौर के पास हाईवे पर खड़ी हुंडई क्रेटा (PB-02-CX-3808) को तलाशी के लिए रोका था। तलाशी के दौरान, नियमित निगरानी पर तैनात पुलिस टीम ने हरप्रीत और लवप्रीत के पास से 4 ग्राम ICE, एक डिजिटल वजन तौलने वाला स्केल और दो मोबाइल फोन जब्त किए। आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूला है कि वे लुधियाना के संदीप अरोड़ा से यह प्रतिबंधित सामान लाए थे। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने संदीप को डिजिटल तरीके से 10,000 रुपये भेजे थे और उससे ड्रग्स खरीदे थे। उनके कबूलनामे के बाद संदीप को गिरफ्तार कर लिया  गया।

अंकुर गुप्ता ने कहा कि, शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, हरप्रीत और लवप्रीत दोनों का डोप टेस्ट पॉजिटिव निकला है। हम आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेकर विस्तृत जांच करने जा रहे हैं, ताकि आगे-पीछे के संबंधों का पता लगाया जा सके। दोनों आरोपी कार में ड्रग्स लेते पकड़े गए थे। बता दें कि संदीप एक ड्रग तस्कर है और उस पर ड्रग तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। अब पुलिस हरप्रीत और लवप्रीत की क्राइम हिस्ट्री का पता लगा रही है। 

दिलचस्प बात तो ये है कि खलिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह ने खुद को नशा विरोधी योद्धा बताया था और पंजाब में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त करने की कसम खाई थी। अमृतपाल फ़िलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत अपराधों के लिए असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। 5 जुलाई को उन्हें खडूर साहिब लोकसभा सीट से शपथ लेने के लिए दिल्ली लाया गया था। अमृतपाल ने कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को हराया था। वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया, जो खुद को मारे गए आतंकवादी और सिख उपदेशक जरनैल सिंह भिंडरावाले का ही अनुयायी बताता है, अपने नौ साथियों के साथ रासुका के तहत जेल में बंद है।

पिछले वर्ष 23 फरवरी को अमृतपाल को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था, जब वह और उसके समर्थक अजनाला पुलिस थाने में घुस गए थे, बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। आरोपियों ने पुलिस थाने में तलवारें और बंदूकें लहराई थीं तथा अपने एक सहयोगी को हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में पुलिस कर्मियों से भिड़ गए थे। अब हरप्रीत की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए हरप्रीत के पिता तरसेम सिंह ने कहा, "यह हमारे परिवार, सहयोगियों और अमृतपाल सिंह के समर्थकों के खिलाफ एक साजिश है। हमें आशंका थी कि सरकार हमें बदनाम करने के लिए यह साजिश रच सकती है। सरकारें अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ये सब कर रही हैं। इसका उद्देश्य युवाओं को बचाने के अमृतपाल सिंह के मिशन को पटरी से उतारना है और बंदी सिंह (अपनी सजा पूरी कर चुके सिख कैदी) की रिहाई में बाधा उत्पन्न करना है।"

तरसेम सिंह ने कहा कि, "आज मोगा जिले के बाघापुराना में बंदी सिंह की रिहाई की मांग को लेकर मार्च निकाला जाना था, हरप्रीत मार्च में शामिल होने वाला था। लेकिन, सरकार को ये गतिविधियां पसंद नहीं हैं। इसलिए साजिश रची गई है।" उन्होंने आगे कहा, "यह कोई नई बात नहीं है। सरकारें पहले भी इस तरह के झूठे मामले दर्ज करने में संलिप्त रही हैं। वे पहले भी फर्जी मुठभेड़ों में सिखों को मार चुके हैं।"

लोगों से पैसे लेकर खुद डकार जाता था टैक्स कंसलटेंट नकीब मुल्ला, GST धोखाधड़ी में हुआ गिरफ्तार

'हमारे मछुआरों को श्रीलंका से छुड़ाने में मदद करें..', सीएम स्टालिन ने विदेश मंत्री जयशंकर को लिखा पत्र

लापता होने के 78 दिन बाद मिला छात्रा का कंकाल, सीनियर और उसकी गर्लफ्रेंड ने उतारा मौत के घाट

Related News