नई दिल्ली: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद, भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए बनाए गए 26 विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि प्रमुख नेता महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रणनीति बनाने और फिर से संगठित होने के उद्देश्य से 6 दिसंबर को दिल्ली में एक बैठक बुलाई है। उन्होंने खुद सभी साथी दलों को फोन कर बैठक में आमंत्रित किया था। हालाँकि, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस का आमंत्रण ठुकराते हुए INDIA गठबंधन की बैठक में आने से साफ़ इंकार कर दिया है। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति की छाया पड़ गई है, जिन्होंने बैठक से बाहर रहने का विकल्प चुना है। उनकी जगह ललन सिंह और संजय झा JDU का प्रतिनिधित्व करेंगे। ममता बनर्जी ने बैठक के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए उत्तर बंगाल में पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। अखिलेश यादव भी जाने से इंकार कर चुके हैं, उम्मीद है कि औपचारिकता के रूप में राम गोपाल यादव को बैठक में भेजा जा सकता है। उधर आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अलग ही कांग्रेस से नाराज़ चल रहे हैं और पंजाब-दिल्ली में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में गठबंधन का भविष्य संशय में हैं। वहीं, इस ट्रेंड के विपरीत, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली पहुंच गए हैं और INDIA गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि, हाल के राज्य चुनावों में कांग्रेस की करारी हार ने मजबूत गठबंधन न बनाने के परिणामों पर विचार करने को प्रेरित किया है। INDIA गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद, सपा ने मध्य प्रदेश में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा, एक ऐसा कदम जिसकी विपक्षी खेमे में आलोचना हुई। रणनीतिक रूप से तालमेल बिठाने में विफलता के कारण नतीजों पर असर पड़ सकता है, जैसा कि निवाड़ी जैसी सीटों पर देखा गया। अखिलेश यादव की नाराज़गी और गठबंधन का भविष्य:- चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख से अखिलेश यादव का असंतोष सामने आया था। उन्होंने मध्य प्रदेश में गठबंधन बनाने में कमलनाथ की अनिच्छा पर नाराज़गी व्यक्त की थी और एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया था। गठबंधन के फैसलों के संभावित प्रभाव को उजागर करते हुए, अखिलेश की पार्टी ने कई सीटों पर कांग्रेस की हार में भूमिका निभाई। वहीं, कांग्रेस की चुनावी हार के बाद JDU ने नीतीश कुमार को INDIA गठबंधन का नेता बनाने की वकालत की है। JDU नेता निखिल मंडल का कहना है कि गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार को ही इसका मार्गदर्शन करना चाहिए। संयुक्त मोर्चे का आह्वान जोर पकड़ रहा है, क्योंकि कांग्रेस राज्य चुनावों के बाद अपनी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर रही है और कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव का मंच सजने वाला है। लेकिन, उससे पहले कांग्रेस की चुनावी हार के बाद उसके सहयोगी दल ही उसे आँख दिखाने लगे हैं। 'चिप वाली किसी भी मशीन को..', दिग्विजय सिंह ने EVM को दिया चुनावी हार का दोष, सुप्रीम कोर्ट से की भावुक अपील 'केजरीवाल से डरती है भाजपा, इसलिए उन्हें फर्जी केस में जेल भेजना चाहती है..', AAP का दावा, बीजेपी ने भी किया पलटवार तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश के तट से टकराने को तैयार चक्रवाती तूफान, उत्पन्न हुए बाढ़ जैसे हालात