खरगोन: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में सुशासन के दावे करते नजर आते हैं लेकिन सुशासन का मतलब क्या है? क्या यह कि तारीख पर तारीख या फिर यह कि सरकारी कार्यालय के धक्के खाना ? आप सभी को बता दें कि हाल ही में एक मामला सामने आया है। इस मामले में उदयभान सिंह निवासी उज्जैन (जमीन ग्राम पडाली) ने धारा 250 में नायब तहसीलदार के यहाँ प्रकरण लगाया है कि '21 बार तारीख आ चुकी है लेकिन नायब तहसीलदार हर बार गायब रहे? हर तारीख पर उज्जैन से बड़वाह 2000 रुपये का पेट्रोल डीजल और अपना समय बर्बाद करना किन्तु जिम्मेदार के कानों पर जू नही रेंगती।' वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि खरगोन के कलेक्टर को आम जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नही है। ऐसा भी कहा गया है कि वह अक्सर अपने ऑफिस से गायब रहती! केवल यही नहीं बल्कि लोगो के फोन नही उठाना कलेक्टर की आदत में शामिल है। अब हाल ही में एक युवक ने कहा है कि नायब तहसीलदार की कार्यशैली के दौरान 21बार तारीख लगने के बाद भी आज तक फैसला नहीं हो सका है। वैसे इस फैसले का न होना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सुशासन पर सवाल खड़े कर रहा है? यह सवाल भी यहाँ जायज है कि जब नायब तहसीलदार ही गायब है तो लोग पटवारी से कितने भयमुक्त और गायब होंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है? बांग्लादेश ने 100 मिलियन कोविड टीके लगाकर एक नयी उपलब्धि हासिल की कर्नाटक के बाद दिल्ली में 'ओमीक्रॉन' का साया, अस्पताल में भर्ती हुए 12 संदिग्ध मरीज Omicron: साउथ अफ्रीका से भारत आए 10 विदेशी नागरिक गायब, प्रशासन के हाथ-पाँव फूले