नई दिल्लीः देश में इस साल खरीफ पैदावार में गिरावट आ सकती है। इसका कारण पहले सूखा और फिर लगातार भारी बारिश बताया जा रहा है। मंत्रालय की ओर से जारी खाद्यान्न उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान में गिरावट का रुख दर्ज किया गया है। खरीफ की सबसे बड़ी फसल धान की पैदावार में ही 18 लाख टन तक की गिरावट का अनुमान व्यक्ति किया गया है। चालू मानसून सीजन में सितंबर के मध्य तक कुल चार फीसद अधिक बरसात हो चुकी है, जो अभी भी देश के कई हिस्सों में जारी है। मानसून सीजन जुलाई मध्य में सक्रिय हुआ, जिससे खरीफ फसलों की बोआई कई क्षेत्रों में प्रभावित हुई। लेकिन मानसून की बारिश शुरू हुई तो कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। इससे खेतों में खड़ी फसलें प्रभावित हुई हैं। इसी के चलते खाद्यान्न के पहले अग्रिम अनुमान में गिरावट दर्ज की गई है। खाद्यान्न की कुल पैदावार 14.05 करोड़ टन होगी जो पिछले साल 2018-19 की पैदावार 14.17 करोड़ टन के मुकाबले मामूली रूप से कम है। खरीफ सीजन की बड़ी फसल धान की पैदावार में 18 लाख टन की गिरावट आने का अनुमान है। अनुमान के अनुसार, इस बार 10.03 करोड़ टन धान का उत्पादन होगा। जबकि बीते साल की कुल पैदावार 10.21 करोड़ टन रही है। मोटे अनाज की पैदावार 3.2 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो बीते साल के मुकाबले अधिक होगी। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दलहनी फसलों पर ज्यादा जोर दिया गया है। मगर पहले अग्रिम अनुमान में इन फसलों में गिरावट का रुख दर्ज किया गया है। बता दें कि इस साल मानसून में भारी बारिश के कारण देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई थी। यह बैंक खोलेगी 450 नई शाखाएं, 3,500 लोगों को मिलेगा रोजगार इस माह के अंत तक रिलायंस कैपिटल का हो जाएगा इस कंपनी में विलय थॉमस कूक के दिवालिया होने के बाद 21,000 नौकरियों पर खतरा