आप सभी को बता दें कि मल मास के कारण पिछले एक माह से मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी और अप्रैल, मई और जून में विवाह आदि के शुभ मुहूर्त जरूर हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है मानो कोरोना संकट के इस समय में ये मांगलिक कार्य आगे बढ़ना ही ठीक रहेगा। जी हाँ, केवल इतना ही नहीं ग्रंथों में भी लिखा है कि महामारी होने पर विवाह और अन्य शुभ कामों को अगले मुहूर्त तक टाल देना चाहिए। इसलिए आने वाले कुछ दिनों तक मांगलिक कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन नहीं किए जाने चाहिए। घर पर कर सकते हैं शुभ काम - खरमास खत्म हो जाने से 16 संस्कार और अन्य शुभ काम किए जा सकते हैं। जी दरअसल शुभ मुहूर्त और शुभ दिन में घर पर ही अन्नप्राशन, नामकरण, चूड़ाकर्म, विद्यारंभ और अन्य शुभ काम घर पर ही किए जा सकते हैं। ध्यान रहे इस दौरान कोरोना महामारी होने से विवाह संस्कार को अबूझ मुहूर्त या अगले शुभ लग्न के आने तक नहीं करना चाहिए। क्या है अबूझ मुहूर्त? - जी दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार सालभर में कुछ ऐसी तिथियां और दिन होते हैं जिनमें बिना विचार किए शुभ काम कर सकते हैं। आप सभी को बता दें कि इन मुहूर्त में किए गए काम हमेशा शुभ फल देने वाले होते हैं। वहीं अबूझ मुहूर्त में गृह प्रवेश, संपत्ति एवं वाहन खरीदी, विवाह, वाग्दान यानी सगाई, रोका, मुंडन, यज्ञोपवित सहित अन्य शुभ संस्कार कर सकते हैं. विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त - विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त को शुभ माना जाता है। जिसके लिए विवाह की तारीख तय नहीं हो पा रही है उसकाअबूझ मुहूर्त में भी विवाह किया जा सकता है। अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी और देव प्रबोधिनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है. अबूझ मुहूर्त सहित विवाह के लिए शुभ दिन - अप्रैल: 15, 20, 25, 26, 27 मई: 1, 2, 4, 6, 17, 18, 19 जून: 13, 15, 30 नवंबर: 25, 30 दिसंबर: 7, 9 1 जुलाई से 24 नवंबर तक शुभ मुहूर्त नहीं है. जरूर रखे वरुथिनी एकादशी व्रत, जानिए महत्व 18 अप्रैल को है वरुथिनी एकादशी, जानिए व्रत विधि घर के दरवाजे पर लगाई है भगवान की तस्वीर तो रोज सुबह जरूर करें यह काम वरना होगा विनाश