इन 2 राशियों के लिए बेहद अशुभ है खरमास, हो जाएं सावधान

इस बार खरमास की शुरुआत 15 दिसंबर 2024 से होगी तथा इसका समापन 14 जनवरी 2025 को होगा। खरमास, जिसे "मलमास" भी कहा जाता है, वर्ष में दो बार आता है। पहला जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तथा दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है। यह समय विशेष रूप से धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। खरमास के दौरान प्रभु श्री विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इस समय को संयम, तपस्या और आत्मनिर्भरता के लिए उपयुक्त माना जाता है।

खरमास का ज्योतिषीय प्रभाव: ज्योतिषियों के अनुसार, खरमास का असर हर राशि पर अलग-अलग होता है। कुछ राशियों के लिए यह वक़्त बहुत ही शुभ माना जाता है, जबकि कुछ राशियों के लिए यह समय अशुभ भी हो सकता है। खरमास के चलते मनुष्य को खास तौर पर अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करने की सलाह दी जाती है। इस समय में बड़े फैसले लेने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सूर्य के इस परिवर्तित अवस्था में ग्रहों का प्रभाव कुछ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

वृषभ राशि  खरमास के चलते वृषभ राशि वालों को धन हानि हो सकती है। दांपत्य जीवन में टकराव संभव है तथा आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है। सभी निर्णय सोच-समझ कर लें। वृषभ राशि वालों को वाणी पर संयम रखना होगा, क्योंकि कार्यक्षेत्र में विवाद उत्पन्न हो सकता है। धन से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं, खर्चे बढ़ सकते हैं तथा प्रॉपर्टी से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं।

कन्या राशि  कन्या राशि वालों को खरमास के चलते गुस्से पर नियंत्रण रखना होगा। जीवन में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है तथा बच्चों की सेहत बिगड़ने से मानसिक तनाव हो सकता है। कन्या राशि वालों को कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए यह समय अशुभ है, और कोर्ट-कचहरी के मामलों में नुकसान हो सकता है।

खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक: खरमास के चलते एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ज्योतिषीय परंपरा यह है कि इस समय विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। इसे "मलमास" का समय माना जाता है तथा यह समय शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। इसके अतिरिक्त, इस समय में खास आयोजन जैसे शादी, गृह प्रवेश आदि की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है।

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