इस बार कुंभ मेले में बताया जाएगा किन्नरों का इतिहास, जानकर रह जाएंगे हैरान

प्रयागराज : कुंभ में पहली बार शामिल होने जा रहा किन्नर अखाड़ा यहां अपना शिविर लगाएगा। जिसमें न सिर्फ देश से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में किन्नर जुटेंगे। आस्था के इस महामेले में तमाम अखाड़ों की पेशवाई की तरह किन्नर अखाड़ा अपनी देवत्व यात्रा भी निकालेगा।जानकारी के लिए बता दे अप्रैल  में सिंहस्थ कुंभ के दौरान पहली बार किन्नर अखाड़े ने इस मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। अब साल 2019 में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में किन्नर किन्नर अखाड़ा एक अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रयागराज कुंभ में अखाड़ा अपने परिसर में किन्नर आर्ट विलेज स्थापित करने जा रहा है.

अंतरराष्ट्रीय किन्नर कलाकार लेंगे भाग 

किन्नर आर्ट विलेज तैयार कर रहे क्यूरेटर ने कहा, “किन्नर कला के क्षेत्र में अपनी रुचि को दुनिया के सामने लाने के इरादे से किन्नर आर्ट विलेज का आयोजन करने जा रहे हैं। इसमें राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय किन्नर कलाकार भाग लेंगे। इनमें फोटोग्राफर, पेंटर, वास्तुकला से जुड़े किन्नर, हस्तशिल्प कारीगर आदि शामिल हैं।”

किन्नरों के वजूद की मिलेगी जानकारी 

जानकारी अनुसार किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी महाराज कि माने तो, “किन्नर अखाड़ा मेले में किन्नर महापुराण का भी लोकार्पण होगा। त्रिपाठी के अनुसार “किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई, किन्नर कब से हैं, ऐसी कितनी ही बातें हैं जो मुख्यधारा के समाज को नहीं पता। लोगों को यह भी नहीं पता कि सनातन धर्म में किन्नरों का क्या वजूद था और इनका कितना महत्व था। 

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