नई दिल्ली: सत्ताधारी भाजपा लगातार अपने चुनावी घोषणापत्र में देश से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का वादा करती रही है। इसे लागू करने को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में सवाल किया। जिसके जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने निशिकांत दुबे से कहा कि सरकार ने समान नागरिक संहिता का मुद्दा 22वें विधि आयोग को उचित सिफारिश करने हेतु भेजा है। बता दें कि समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने के लिए केंद्र को संवैधानिक अदालतों और संसद सदस्यों के द्वारा बार-बार सवाल किया जा रहा है। 22वें विधि आयोग में अंतिम आयोग का कार्यकाल ख़त्म होने के तीन साल से अधिक वक़्त के बाद भी एक अध्यक्ष नियुक्त किया जाना बाकी है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के उत्तर में रिजिजू ने कहा कि, संविधान के अनुच्छेद 44 में यह प्रावधान है कि राज्य, भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने की कोशिश करेगा। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इसमें शामिल विषय वस्तु के महत्व और संवेदनशीलता के मद्देनज़र और विभिन्न समुदायों को शासित करने वाले विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों के प्रावधानों के गहन अध्ययन की जरूरत को देखते हुए, भारत के 21वें विधि आयोग में UCC से जुड़े मुद्दों की जांच करने और सिफारिशें करने का प्रस्ताव भेजा गया था। किरेन रिजिजू ने कहा कि, 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त, 2018 को ख़त्म हो गया। इस मामले को भारत के 22वें विधि आयोग द्वारा उठाया जा सकता है। बता दें कि तीन वर्षों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने 22वें विधि आयोग के लिए एक अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया है। UCC का मामला पहली बार जून 2016 में 21वें विधि आयोग के पास पहुंचा था। जिसपर आयोग ने 185 पन्नों का परामर्श पत्र जारी किया था, जहां इसने लैंगिक न्याय और समानता लाने वाले विभिन्न पारिवारिक कानूनों में व्यापक परिवर्तन का सुझाव दिया था। केंद्र पर राहुल गांधी का आरोप, कहा- देश को बांटा जा रहा 'जिस प्लेट से बिस्किट खाता था राहुल गांधी का कुत्ता, उसी में से खाते थे कांग्रेस के नेता..', फिर वायरल हुआ किस्सा जब लोकसभा स्पीकर ने लगाई राहुल गांधी की क्लास, जानिए क्या थी कांग्रेस नेता की गलती