नई दिल्ली : एक ओर दिल्ली के सीएम केजरीवाल एलजी के बंगले पर धरने पर बैठे हैं , वहीं दूसरी ओर दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है . कहा जा रहा है कि दिल्ली के लिए 30 जून तक का ही पानी उपलब्ध है . जबकि राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों के हालात गंभीर खतरे का संकेत दे रहे हैं.बिजली का संकट भी बरक़रार है. बता दें कि हरियाणा और दिल्‍ली के बीच फिर जल पर जंग शुरू हो गई है. जिसके और बढ़ने के आसार है. हरियाणा ने कहा है कि वह दिल्‍ली को अतिरिक्‍त पानी दे रहा है. यदि उसने 30 जून तक जल विवाद मामले पर केस वापस नहीं लिया तो उसे दिया जा रहा अतिरिक्‍त पानी देना बंद कर देगा. जबकि केजरीवाल ने 16 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के जलसंकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार बताया था. जबकि दूसरी ओर हरियाणा के सीएम ने कहा है कि लगभग 60 एमजीडी (मीट्रिक गैलन प्रतिदिन) पानी की कथित कमी 900 एमजीडी से अधिक की कुल शोधन क्षमता का मात्र 6.7 प्रतिशत है. इस मुद्दे को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) अपनी कार्यशैली में सुधार कर आसानी से हल कर सकता है. लेकिन दो राज्यों की विपरीत सरकारों के विवाद ने दिल्लीवासियों को जल संकट में डाल दिया है. यह भी देखें आईएएस अधिकारी काम नहीं कर रहे है- मनीष सिसोदिया केजरीवाल के धरने पर आईएएस अधिकारियों का जवाब