जानिए, आखिर क्यों जरूरी है नजरे मिला कर बात करना

आई-कॉन्टैक्ट अर्थात नजरो से नजरे मिलाना आखिर क्यों इस बात पर इतना जोर दिया जाता है. यह आपके अंदर छुपे व्यक्तित्व को दर्शाता है. साथ ही यह प्रभावी कम्युनिकेशन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. अगर आप सफल होना चाहते है, तो आपको इसका तरीका सीखना चाहिए. सफल व्यक्त्वि के लिए आई कॉन्टैक्ट आवश्यक है, परन्तु आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि आप यदि बहुत ज्यादा अर्थात लगातार आई-कॉन्टैक्ट करते है, तो यह अच्छा नहीं माना जाता है. आइए जानते है आई कॉन्टैक्ट के बारे में विस्तार से...

आई कॉन्टैक्ट का महत्त्व  अक्सर देखा जाता है कि लोग नजरो को पढ़ने में माहिर होते है. उदाहरण के तौर पर शॉपकीपर कस्टमर की नजरो को बखूबी पढ़ते है, वे आई-कॉन्टैक्ट से ही समझ जाते है कि ग्राहक को किस वस्तु की आवश्यकता है. जब कोई ग्राहक किसी वस्तु को देख उसकी ओर आकर्षित होता है. तो उसकी पुतलियां फैलने लगती है. जो सेल्समैन के लिए ग्राहक का मन पढ़ने का यह प्रमुख संकेत होता है. अतः आप यह समझ सकते हैं कि आई-कॉन्टैक्ट किसी कम्युनिकेशन के लिए कितना महत्त्व रखता है. 

ग्रुप में बात कर रहे हो तब  जब आप ऑफिस में, बिजनेस मीटिंग आदि में ग्रुप में वार्तालाप कर रहे हो, तो आप ध्यान रखे कि आपकी नजरे बारी-बारी से सभी लोगो से मिलनी चाहिए. सिर्फ एक या दो व्यक्ति पर आपका ध्यान केंद्रित न हो. इससे ग्रुप में बाकी सदस्यों में आपकी बात सुनने की रुचि नहीं रहेगी. 

जब तर्क-वितर्क करना हो जब आप किसी व्यक्ति से किसी विषय पर तर्क-वितर्क कर रहे हो तो आप उसे टकटकी लगाकर देखते हुए आई-कॉन्टैक्ट करे. इससे आपकी मजबूती का पता चलता है. अगर तर्क करते समय आपकी नजरें कहीं और रहेंगीं, तो आपको कमजोर आंका जाएगा. 

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