नई दिल्ली: हकीक पत्थर को हिंदी में अकीक और अंग्रेजी में अगेट के नाम से पहचाना जाता है। ग्रीक दार्शनिकों ने इस रत्न की खोज 300 ईसा पूर्व की थी। हकीक तमाम मुख्य रत्नों का उप-उप रत्न भी है। इसे आमतौर पर माला या अंगूठी में जड़वाकर पहना जाता है। ज्योतिषी की सलाह और बताए गए रंग के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति हकीक को धारण कर सकता है। हकीक वैसे तो कई रंगों के मिलते हैं जैसे काले, दूधिया सफेद, ग्रे, नीले, हरे, गुलाबी व भूरे के साथ ही ब्लू बैंडेड, बैंडेड, ब्लू लेस, बोत्सवाना, बुल आई, कैथेड्रल, कोलोरिन, क्रैकेल्ड फायर, क्रेजी लेस, डेन्ड्रिटिक, फायर, फायर-बर्न, जिओड, होली ब्लू, लगुन, लूना और मौस अगेट आदि। किन्तु काला, सफेद, पीला, लाल, हरा एवं नीला ही सबसे अधिक प्रचलन में है। इसे धारण करने के फायदे : 1.कहते हैं हकीक की माला पर जप करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। 2.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हकीक को धारण करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं। 3.इससे किसी भी तरह का संकट नहीं रहता और शनि, राहु एवं केतु के दोष दूर हो जाते हैं। 4.माना जाता है कि हकीक को घर में या पास में रखने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है अर्थात भाग्योदय होता है। 5.कहते हैं कि जिसके पास असली हकीक होता है, वह कभी गरीब नहीं रहता और दरिद्रता उसके पास नहीं फटकती। 6.हकीक की माला के साथ अगर हनुमानजी के किसी मंत्र का जप किया जाए, तो यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। जानिए किस दिन की जाती है यमराज की पूजा जानिए हिन्दू धर्म में गाय का महत्त्व क्यों नहीं काटना चाहिए पीपल का पेड़