गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनसे पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। फाइबर की कमी से कब्ज और पाचन की दिक्कतें हो जाती हैं। ऐसे में केला एक अच्छा विकल्प है। कई लोग मानते हैं कि गर्भावस्था में केला खाने से लड़की होने के संकेत होते हैं, लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है। केला विटामिन, पोटेशियम, विटामिन सी और बी से भरपूर होता है और मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। पहली तिमाही में केला गर्भावस्था की पहली तिमाही में केला खाने से सुबह की उल्टी और मतली से राहत मिल सकती है। इसमें हल्की चीनी और आरामदायक बनावट होती है, जो पेट को हल्का महसूस कराती है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त रखने में सहायक होता है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। इसमें विटामिन और खनिज गर्भ में बच्चे के शुरुआती विकास को भी सपोर्ट करते हैं। दूसरी तिमाही में केला दूसरी तिमाही के दौरान केला आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है। इसमें पोटेशियम की मात्रा होती है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है। विटामिन्स हड्डियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। साथ ही केला खाने से तुरंत ऊर्जा मिलती है, जिससे थकान महसूस नहीं होती और यह एक आसान स्नैक के रूप में भी अच्छा विकल्प है। तीसरी तिमाही में केला तीसरी तिमाही में भी केले का सेवन फायदेमंद है। इस दौरान केला मांसपेशियों के खिंचाव और ऐंठन को कम करने में मदद करता है, साथ ही शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है। केले में मौजूद फाइबर पाचन को आरामदायक बनाए रखता है और प्राकृतिक शुगर से ऊर्जा मिलती है, जिससे थकान कम होती है। आर्थिक रूप से ऐसा होने वाला है इन राशि के लोगों का दिन स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें इस राशि के जातक, जानिए आपका राशिफल... किसी न किसी काम से बाहर का करनी पड़ सकती है यात्रा, जानिए आपका राशिफल