पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) को निवेश के लिए काफी बेहतर माना जाता है. क्योंकि यहां पर निवेश करने वालों को लंबे समय की अवधि में अच्छा फायदा होता है. इसकी अलग अलग वजह है. इनमें उच्च रिटर्न, कर लाभ और ब्याज व मूलधन की संप्रभु गारंटी भी शामिल हैं. इस योजना में निवेश करके निवेशक एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार करने के अलावा बच्चों की शिक्षा व उनकी शादी सहित कई सारे बड़े खर्चों के लिए भी धन जमा कर सकते हैं. सबसे खास बात यह है कि इस योजना में ब्याज आय, सालाना निवेश और मैच्योरिटी राशि तीनों में ही ब्याज छूट मिलती है. देवघर मामले में HC का बड़ा फैसला, इस तरह बाबा वैद्यनाथ के दर्शन कर सकेंगे भक्त पीपीएफ की ब्याज दर में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है. सरकार ने जुलाई-सितंबर की तिमाही में ब्याज दरों को पहले जैसा ही रखा है. अर्थात पीपीएफ में जुलाई से सितंबर के दौरान भी 7.10 फीसद की दर से ब्याज मिलना जारी रहेगा. पीपीएफ में ब्याज की गणना हर महीने होती है, लेकिन वित्त वर्ष के आखिर में ही इसे क्रेडिट किया जाता है. पीपीएफ के कई निवेशक एक छोटी सी जानकारी के अभाव में अधिक ब्याज प्राप्त करने से चूक जाते हैं. आइए जानते हैं कि वह क्या है. इस माह में सुधरा सेवा क्षेत्र अगर आपको नही पता तो बता दे कि पीपीएफ स्कीम में नया नियम आया है. जिसके तहत ब्याज की गणना महीने की पांच तारीख से महीने के आखिर तक पीपीएफ अकाउंट में जमा न्यूनतम राशि पर होती है. यदि पांच तारीख से पहले ही पीपीएफ अकाउंट में पैसे डाल दिये जाएं, तो ब्याज की गणना की अवधि के दौरान न्यूनतम बैलेंस अधिक रहता है. अगर आप सालाना आधार पर पीपीएफ में निवेश कर रहे हैं, तो भी आपको अपने पीपीएफ अकाउंट में राशि पांच अप्रैल से पहले डालनी चाहिए. ऐसी स्थिति में आपको योजना में अधिकतम ब्याज मिल सकेगा. 31 जुलाई तक बढ़ा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगा प्रतिबंध, सरकार ने जारी किया सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर कोरोना की मार, नई कंपनियों के पंजीकरण में आई भारी गिरावट चीन को पीएम मोदी का सख्त सन्देश, कहा- विस्तारवाद का युग ख़त्म, अब विकासवाद का समय