डीएनए टेस्ट का नाम आपने जरूर सुना होगा। यह एक मेडिकल टेस्ट है जो हमारे जीन्स और वंश की सटीक जानकारी देता है। डीएनए का पूरा नाम डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड है। हमारे शरीर में कई करोड़ कोशिकाएं होती हैं, जिनमें से अधिकांश में एक विशेष जेनेटिक कोडिंग होती है, जिसे डीएनए कहा जाता है। यह कोड हमारे शरीर की सभी विशेषताओं को नियंत्रित करता है। डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया थोड़ी जटिल और समय लेने वाली होती है। हालांकि, डीएनए तकनीक का अविष्कार हाल ही में हुआ है। पहला डीएनए टेस्ट 1984 में साइंटिस्ट एलेक जैफ्रीस ने किया था। इसके बाद से दुनियाभर में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है और यह लगभग साढ़े तीन दशकों से इस्तेमाल हो रहा है। भारत में डीएनए टेस्ट का इतिहास भारत में डीएनए टेस्टिंग की शुरुआत साइंटिस्ट लालजी सिंह ने की। उन्हें "फादर ऑफ इंडियन डीएनए फिंगरप्रिंटिंग" माना जाता है। 1991 में, उन्होंने भारतीय अदालत में पहले डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद से भारत में कई सिविल और क्रिमिनल मामलों में डीएनए टेस्ट का इस्तेमाल किया गया है। डीएनए का आकार आश्चर्यजनक बात यह है कि मानव शरीर में मौजूद डीएनए इतनी लंबी होती है कि अगर इसे सीधा किया जाए तो यह सूर्य तक पहुंचकर 300 बार वापस धरती पर आ सकती है! डीएनए टेस्ट का खर्च डीएनए टेस्ट प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की लैब में होता है। सरकारी लैब्स आमतौर पर आपराधिक मामलों और सरकारी आदेश पर टेस्ट करती हैं, जबकि प्राइवेट लैब्स में कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह पर डीएनए टेस्ट करवा सकता है। भारत में, डीएनए टेस्ट की कीमत 10,000 रुपये से लेकर 70,000 रुपये तक हो सकती है, जो टेस्ट के प्रकार और लैब की प्रीमियम सेवाओं पर निर्भर करता है। Ola जल्द ही लॉन्च करेगी अपनी इलेक्ट्रिक बाइक्स 1000 करोड़ी फिल्म के डायरेक्टर से शाहरुख ने मिलाया हाथ, 20 साल बाद आए साथ अक्षय कुमार के बाद इस एक्टर ने ठुकराया पान मसाला एड, बताई ये वजह