इस बार हिंदी महीने के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन जो इस बार 19 अक्टूबर को पड़ रही है इस दिन सुबह पितरों का पूजन करने और सूर्यास्त के बाद महालक्ष्मी की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएँ दूर हो जाती है. इस दिन पितरों का पूजन करने के लिए उन्हें दक्षिण दिशा की ओर स्थापित करना चाहिए. दिवाली के दिनों में यमराज के नाम से भी एक दिया जलाया जाता है. ऐसा माना जाता है की इस समय यमराज के नाम से दिया जलाने से असमय मृत्यु का भय नहीं सताता है. आज हम आपको दीपावली पर यमराज को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में बताने जा रहे है. 1- यमराज को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस के दिन एक ताम्बे के कलश में अन्न भरकर उस पर घी का एक दीपक जलाये,इस बात का ध्यान रखे की इस दीपक का मुंह दक्षिण दिशा की ओर ही होना चाहिए. 2- शास्त्रों के अनुसार अगर आप नरक चौदस के दिन यमराज की पूजा करते है तो आत्मा को नर्क के कष्ट नहीं भोगने पड़ते है. 3- दिवाली के दिन अपने पितरो के नाम से अपने घर में धुप और दीप जलाकर धुंआ करे. 4- शास्त्रों में बताया गया है की भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे,इसलिए इस दिन यमराज के साथ साथ यमुना का भी पूजन करना चाहिए. शरद पूर्णिमा की रात इस मंत्र से करे माँ लक्ष्मी की पूजा शिवजी की पूजा से दूर हो जाते है कुंडली के सभी ग्रहदोष संतान की प्राप्ति के लिए करे गुलाब के फूल से बने शिवलिंग की पूजा