प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में लोगों से तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करने की अपील की थी। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग और प्रदर्शन के लिए भी कुछ नियम बने हुए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है? तिरंगा लगाने के नियम अधिकांश लोग स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी गाड़ी या बाइक पर तिरंगा लगा लेते हैं, लेकिन यह सभी के लिए कानूनी रूप से अनुमत नहीं है। भारतीय ध्वज सहिंता, 2002 के अनुसार, केवल कुछ विशेष व्यक्तियों को ही अपनी गाड़ी पर तिरंगा फहराने का अधिकार है। इसके अलावा, नेशनल फ्लैग कोड के अनुसार, तिरंगा लगाने के दौरान केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए और झंडा साफ-सुथरा होना चाहिए। फटा या मैला-कुचला तिरंगा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। किनके पास है तिरंगा लगाने का अधिकार? राष्ट्रीय ध्वज को अपनी गाड़ी पर लगाने का विशेषाधिकार निम्नलिखित लोगों को प्राप्त है: राष्ट्रपति उप-राष्ट्रपति राज्यपाल और उप-राज्यपाल भारतीय मिशन पदों के प्रमुख प्रधानमंत्री कैबिनेट मंत्री राज्यमंत्री मुख्यमंत्री लोकसभा अध्यक्ष राज्यसभा के उपाध्यक्ष लोकसभा के उपाध्यक्ष राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष राज्यों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियम तोड़ने पर सजा नागरिकों को अपने घर पर तिरंगा लगाने और हाथ में झंडा लेकर चलने की पूरी स्वतंत्रता है। लेकिन प्राइवेट गाड़ियों पर तिरंगा फहराना कानूनी अपराध माना जाता है। अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इस अधिनियम के तहत, राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान का अपमान करने पर दोषी व्यक्ति को 3 साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों सजाएं हो सकती हैं। इसलिए, अगर आप अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाने का विचार कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप कानूनी नियमों का पालन कर रहे हैं। अन्यथा, आपको गंभीर कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है। इस शानदार बाइक पर आ जाएगा आपका दिल मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक SUV eVX: टेस्टिंग के दौरान सामने आईं खास बातें मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा की बिक्री में हुई बढ़ोतरी, जानिए क्या है इसकी खासियत