पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस का इलाज खोजने में लगी है. लेकिन आम लोगों में भी वायरस को लेकर जिज्ञासा बढ़ती जा रही है. वही, कोरोना महामारी के बारे में सर्च इंजनों पर जानने-पढ़ने की जिज्ञासा बताती है कि इस मर्ज की भयावहता के बारे में हम जितना सोचते हैं, दरअसल डर का आलम उससे कहीं ज्यादा है. लोगों द्वारा किए जा रहे सर्चिंग ट्रेंड हमें इस महामारी से जुड़ी कई रोचक जानकारियां भी देते हैं. पिछले कुछ दिनों के गूगल सर्च को ही ठीक से खंगाल लें तो पता चलेगा कि लोगों ने जिन लक्षणों के बारे में जानना चाहा बाद में पता चला कि उनका कोरोना से लिंक है. विदेशी तबलीगी जमातियों पर मंडरा रहे संकट के बादल आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब यह प्रमाणित हो चुका है कि कोरोना के मरीजों में सूंघने की शक्ति कम हो जाती है. 30 से 60 फीसद पॉजिटिव केस में यह लक्षण देखने को मिलता है. लेकिन जब यह तथ्य दुनिया के सामने नहीं आया था, उस समय अमेरिका के चार प्रांतों में सर्वाधिक सर्च ‘आइ कांट स्मेल’ (मैं सूंघ नहीं सकता) था. इन्हीं जगहों पर पिछले सप्ताह सर्वाधिक पॉजिटिव केस भी मिले. उम्रदराज और गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को दी गई राहत, नहीं लगेगी ड्यूटी अगर आपको नही पता तो बता दे कि कोरोना के लक्षणों के संबंध में सर्च इंजनों पर की गई खोज पॉजिटिव केस को ट्रैक करने में सहायक सिद्ध हुई है. जहां सैंपल जांच के संसाधन कम हैं, वहां इस तरह की खोज ने हॉटस्पॉट चिह्नित करने में मदद की. साथ ही शोधकर्ताओं के लिए भी यह मददगार साबित हुआ ताकि ज्यादा से ज्यादा और प्रभावी लक्षणों की पहचान की जा सके. मध्य प्रदेश में आज से शुरू हुई गेहूं की खरीदी कोरोना को मिटाने के लिए होने वाला है युद्धस्तर पर काम इस जिले में तेजी से की जा रही कोरोना की जांच