जानिए रूबी रत्न को धारण करने के लाभ

हिंदी पंचांग में ज्येष्ठ माह में सूर्य बहुत शक्तिशाली रहता है और इसी कारण इस माह में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है. माणिक्‍य सूर्य का रत्‍न है.किसी ज्‍योतिषाचार्य की सलाह से कुंडली में सूर्य की स्‍थ‍िति को देखकर ही इसको धारण करना चाहिए. माणिक्‍य सूर्य के प्रभाव को शुद्ध करता है और जातक धन आदि की अच्‍छी प्राप्‍ति कर पाता है.

यदि किसी जातक की कुंडली में दूसरे भाव में सूर्य धन प्राप्‍ति में बाधा उत्‍पन्‍न करता है या जातक की नौकरी और कारोबार में व्‍यवधान उत्‍पन्‍न होता है, तो इस स्थिति में माणिक्‍य धारण करना लाभदायक माना जाता . 

जिन जातकों की कुंडली में तीसरे भाव में सूर्य होता है तो यह उसके छोटे भाई के लिए खतरा उत्‍पन्‍न करता है. ऐसे लोगों के छोटे भाई अक्‍सर नहीं होते हैं या फिर मृत्‍यु हो जाती है. सूर्य की इस स्थिति में भी माणिक्‍य धारण करना उचित रहता है.

यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य भाग्‍येश और धनेश होकर छठे अथवा आठवें स्‍थान पर हो तो माणिक्‍य धारण करना लाभ देता है.

यदि किसी जातक की जन्‍मकुंडली में सूर्य अपने ही भाव अर्थात अष्‍टम में हो तो ऐसे लोगों को अविलंब माणिक्‍य धारण करना चाहिए.

पांचवें भाव में सूर्य हो तो अत्‍यधिक लाभ व उन्‍नति के लिए माणिक्‍य पहनना चाहिए.

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