हर साल आने वाली महशिवरात्रि इस साल 4 मार्च को आने वाली है. ऐसे में भगवान शिव को बिल्व पत्र सबसे ज्यादा पसंद होता है और यह भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है. ऐसे में यह पत्र शिव के 3 नेत्रों के समान दिखाई देता है और 3 की महिमा भगवान शिव के संबंध में यूं भी अत्यंत खास मानी गई है जिनमे त्रिशूल, त्रिनेत्र और शिवतिलक की 3 धारियां शामिल है और ये 3 युग, 3 गुण और 3 लोकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जानी जाती है. कहते हैं शिव को बिल्वपत्र अत्यंत प्रिय हैं और सर्वप्रथम बिल्वपत्र के पेड़ से निवेदन करें. आप सभी को बता दें कि बिल्वपत्रों को तोड़कर शिव को अर्पण करने से शिव का सामीप्य मिल जाता है और अष्टमी, चर्तुदशी, अमावस्या, पूर्णिमा एवं सोमवार को बिल्वपत्र नहीं तोडऩा चाहिए. आप सभी को बता दें कि सोमवार शिव का प्रिय दिवस होता हैं और ऐसे में महाशिवरात्रि भी इस बार सोमवार को है. आप सभी को बता दें कि ऋषियों ने यह कहा है कि बिल्वपत्र भोले-भंडारी को चढ़ाना एवं 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल एक समान है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिल्वपत्र तोड़ते समय कौन से मंत्र को पढ़ना चाहिए. मंत्र - 'अमृतोद्भव श्री वृक्ष महादेवत्रिय सदा। गृहणामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात्।।' वहीं कहा जाता है बेल के वृक्ष के नीचे स्तोत्र पाठ या जप करने से उसके फल में अनंत गुना की वृद्धि के साथ ही शीघ्र सिद्धि की प्राप्ति होती है और इसे शिवलिंग पर चढ़ाते समय आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. मंत्र - नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥ दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌। अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥ त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌॥ अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌। कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥ गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर। सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय। 28 फरवरी को है रामदास स्वामी नवमी, जानिए उनसे जुडी यह लोकप्रिय कथा भोलेनाथ के डमरू मंत्र से दूर हो सकती है बड़ी से बड़ी बिमारी महाशिवरात्रि के चारों प्रहार में करें इन चार मन्त्रों का जाप, मिलेगा सर्वस्व