मछलियां वसा और प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, लेकिन सारी मछलियां नहीं. ऐसे में जरूरी है कि आप जानें की कौन सी मछली आपके लिए स्वास्थ्यवर्द्धक है और कौन सी हानिकारक. आइये जानते है की कौन सी मछली खाना हो सकता है हमारी सेहत के लिए हानिकारक - 1-आयातित कैटफिश में तमाम ऐसे एंटीबायोटिक मिलाए जाते हैं जो खाने में डालना मना है. अतः आयातित कैटफिश का इस्तेमाल खाने के लिए कतई नहीं किया जाना चाहिए. इसी तरह फाम्र्ड ईल भी है. फाम्र्ड ईल में मर्करी की मात्रा अत्यधिक डाली जाती है. यह कहने की जरूरत नहीं है कि पारा यानी मर्करी हमारे स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं. सो, यदि आप फिट रहने को तरजीह देते हैं तो जरूरी है कि आयातित कैटफिश के साथ साथ फाम्र्ड ईल से भी दूरी बनाए रखें. 2-किंग मैकरल एक किस्म की छोटी समुद्री मछलियां है. माना यह जाता है कि समुद्री मछलियां हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकर है. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता. किंग मैकरल में मर्करी की मात्रा बहुत ज्यादा पायी जाती है. यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ किंग मैकरल से दूर रहने की सलाह देते हैं. इसी तरह ओरेंज रफी भी इसी सूची में शुमार है. इसमें भी भी मर्करी की मात्रा अत्यधिक पायी जाती है जो कि स्वास्थ्य को हानि पहुंचाता है. यही नहीं ओरेंज मछलियां ओवरफिश्ड भी होती हैं. 3-विशेषज्ञों के मुताबिक आयातित झींगा से भी दूरी बनाए रखना हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित माना जाता है. असल में आयातित झींगा में एंटीबायोटिक के साथ साथ रासायनिक अवशेष भी पाए जाते हैं. इसके अलावा स्वार्डफिश भी तमाम बड़ी प्रजातियों की माफिक मर्करी से भरपूर है. यही कारण है कि स्वार्डफिश को भी खाने से मना किया जाता है. सो, झींगा और स्वार्डफिश दोनों ही स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माने जाते. इन तरीको से मिटाये अपने हाथो की मेहँदी के निशान