शास्त्रों के अनुसार सभी देवी-देवताओं को नारियल अनिवार्य रूप से अर्पित किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि नारियल अर्पित करने से श्रद्धालु की सभी इच्छाएं भगवान पूरी कर देते हैं. नारियल को महालक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. किसी भी प्रकार का कोई भी धार्मिक कर्म हो वहां नारियल का स्थान महत्वपूर्ण होता है. इसी वजह से सभी मंदिरों द्वारा लगभग हर श्रद्धालु नारियल अवश्य अर्पित करता है.कभी-कभी भगवान के नाम पर नारियल फोडऩे पर वह खराब निकल जाता है. इस संबंध में कई प्रकार की शकुन या अपशकुन संबंधी बातें प्रचलित हैं. कुछ लोगों का मानना है कि नारियल का खराब निकलना अशुभ है तो कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं.शास्त्रों के अनुसार पूजा में नारियल का खराब निकलना शुभ बताया गया है. इस संबंध में ऐसा उल्लेख है कि भक्त द्वारा सच्चे मन से चढ़ाया गया नारियल पूर्ण रूप भगवान द्वारा ग्रहण कर लिया गया है.ऐसा होने पर श्रद्धालु को प्रसन्नता के साथ देवी-देवताओं का आभार मानना चाहिए. इसके अलावा जब नारियल अच्छा निकले तब भगवान को अर्पित करने के पश्चात् अधिक से अधिक लोगों को प्रसाद स्वरूप बांट देना चाहिए. जितने अधिक लोगों को आपके नारियल का प्रसाद मिलेगा, उतना अधिक शुभ रहता है. दोनों ही परिस्थितियों में भक्त की भावना ही प्रमुख है.नारियल का खराब निकलना भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होने का संकेत ही है. उस समय श्रद्धालु ने भगवान के समक्ष जो भी प्रार्थना की होगी वह निश्चित ही पूर्ण होगी. ऐसा समझना चाहिए. जानिए क्या है गंगाजल के चमत्कारी उपाय होली पर पाए महालक्ष्मी की कृपा जानिए क्यों करते है मरने के बाद गंगाजल और तुलसी का प्रयोग