पुराने जमाने में राजा-महाराजा जब भी कोई धार्मिक काम या फिर यज्ञ करते थे, तो वह जरुरतमंदो या फिर गरीब को दान दिया करते धते. माना जाता था कि दान देने से आप जिस काम के लिए जाना जाता है वो जरुर सफल होगा. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि विश्व का सबसे बड़ा दान अगर कुछ है तो वह है अन्नदान. माना गया है कि यह संसार अन्न से ही बना है और अन्न की सहायता से ही इसकी रचनाओं का पालन हो रहा है. यहीं एक ऐसी चीज है जिससे शरीर के साथ-साथ आत्मा भी तृप्त होती है. इसके बारें में हिंदू धर्म के ग्रंथो में से एक पद्म पुराण में एक पौराणिक कथा मिलती है. इसके अनुसार व्यक्ति अपनी जीवित अवस्था में जिस भी वस्तु का दान करता है, मृत्यु के बाद वही चीज उसे परलोक में प्राप्त होती है. राजा श्वेत अपनी कठोर तपस्या के बल पर ब्रह्मलोक तो पहुंच जाते हैं लेकिन अपने जीवनकाल में कभी भोजन का दान ना करने के कारण उन्हें वहां भोजन प्राप्त नहीं होता. इसलिए दान देना बहुत ही जरुरी माना जाता है. ग्रहशांति पूजा ना करवाने से हो सकते है ये नुकसान जानिए क्या हैं घर के मुख्य द्वार से जुड़े वास्तु नियम सूर्य भगवान को अर्पित करे लाल फूल