जानिए गणेशजी के चमत्कारी स्वरुप के बारे में

आज हम आपको बताने जा रहे है गणेशजी के एक ऐसे मंदिर के बारे में जो गणपति जी के आठ प्रमुख मंदिरों में से एक है .यह मंदिर है महागणपति जी का. जो  रांजणगांव में पुणे अहमदनगर राजमार्ग पर 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.    ऐसा माना जाता है की जब शिव जी ने त्रिपुरासुर के साथ युद्ध करने से पूर्व गणेश जी की पूजा की थी उसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था..पहले यह स्थान मणिपुर के नाम से जाना जाता था पर आज इसे लोग रांजणगांव के नाम से जानते है. जब शिव जी ने  त्रिपुरासुर नाम के राक्षस को गणेश जी के आशीर्वाद से हराया था इसलिए इन्हें त्रिपुरारी महागणपति के रूप में भी पूजा जाता है. इसलिए इस मंदिर को हथियारों से सजाया गया है.

इस मंदिर में जो गणेश जी की मूरत विराजमान है उसे  माहोतक भी कहा जाता है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी 10 सूंड़ और 20 हाथ हैं . गणेश जी की मूर्ति आसन पर विराजमान दिखाई देती हैं और उनके दोनों तरफ रिद्धी-सिद्धी की मुर्तिया लगी हैं.श्री अष्टविनायक गणपति स्वरूपों में महागणपति गणेश जी का सबसे शक्तिशाली प्रतिरूप है. 

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