जानिए आखिर क्यों रविवार को नहीं तोड़ी जाती तुलसी और कीन्हे नहीं की जाती अर्पित?

रविवार के दिन भूल से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते लेकिन क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों? आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों रविवार के दिन भूल से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते। जी दरअसल तुलसी के पौधे को लेकर कई तरह की मान्यताएं है जैसे कि गुरुवार को तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। इसी के साथ इसे घर के बाहर नहीं बल्कि बीच आंगन में लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि रहती है। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि रविवार के दिन तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए।

जी दअरसल लोगों का मानना है कि रविवार के दिन भगवान विष्णु का प्रिय वार होता है और तुलसी भी भगवान विष्णु को प्रिय होती है इसलिए इस दिन तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए। वहीं विष्णु पुराण के अनुसार, रविवार, एकादशी, द्वादशी, चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और शाम के समय में तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए। इसी के साथ एकादशी के दिन तुलसी तोड़ने से घर में गरीबी आती है।

वहीं ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बिना नहाएं- धोएं तुलसी तोड़ता है तो भगवान विष्णु उस पत्ते को स्वीकार नहीं करते हैं। कहा जाता है तुलसी का पत्ता भगवान शिव, गणेश और भैरव जी को नहीं चढ़ाया जाता है। इसी के साथ तुलसी के पत्ते को 11 दिन तक बासी नहीं माना जाता है।

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