देहरादून: उत्तराखंड में अधिकतर नये वाहन पंजीकरण एवं नंबर प्लेट के बिना सड़क पर दौड़ रहे हैं। इनका पंजीकरण एवं नंबर प्लेट लगाने में हफ्ते-दो हफ्ते लग रहे हैं। ऐसे में एमवी ऐक्ट का जमकर उल्लंघन हो रहा है। कुछ वाहनों पर नंबर प्लेट की जगह ‘एप्लाइड फॉर’ का पर्चा चिपका होता है, जबकि इस प्रकार से वाहन सड़क पर उतारने का कोई नियम ही नहीं है। शहरभर में 75 से ज्यादा वाहन डीलर हैं, जो छोटे-बड़े वाहन बेचते हैं। इनके पास वाहनों के पंजीकरण संग नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी है। नियम के मुताबिक, कोई भी वाहन तब सड़क पर उतर सकता है, जब उसका पंजीकरण हो जाए और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग जाए, लेकिन अधिकतर डीलर इसका पालन नहीं कर रहे हैं। पंजीकरण एवं नंबर प्लेट लगवाए बिना वाहन बेचे जा रहे हैं। एक हफ्ते पश्चात् तक भी कई बार पंजीकरण नहीं हो रहे हैं और कभी-कभी तो दो हफ्ते तक का भी वक़्त लग रहा है।ऐसे में नंबर प्लेट के बिना वाहन शहर की सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहे हैं। यह सब परिवहन एवं पुलिस अफसरों की जानकारी में होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। वही अपराधी पकड़ में आएंगे कैसे बिना पंजीकरण एवं नंबर प्लेट के वाहन से अगर कोई दुर्घटना या अपराध होता है तो पकड़ना मुश्किल होगा। क्योंकि ऐसे वाहनों को ट्रेस कर पाना संभव ही नहीं है। साथ ही ऐसे वाहन ओवर स्पीड, रेड लाइट जंप या रॉन्ग साइड से आते हैं तो एएनपीआर कैमरों से चालान नहीं हो सकते। आरटीओ-प्रवर्तन सुनील शर्मा का कहना है-बिना पंजीकरण वाहन सड़क पर चलता है तो 5 हजार रुपये का चालान होता है। इसके साथ ही नंबर प्लेट नहीं होने पर 500 रुपये चालान होता है। वाहन डीलर के ट्रेड सर्टिफिकेट पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। नियमानुसार, वाहन डीलर की जिम्मेदारी है कि 7 दिन के अंदर वाहन के पंजीकरण के साथ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी लगवा दी जाए। इसके बाद ही वाहन सड़क पर दौड़ सकता है। वाहन बेचने के 7 दिन में पंजीकरण नहीं होने पर पेनाल्टी का भी प्रावधान है। छात्रा को घर लाकर प्रोफेसर करता था बलात्कार, पति-पत्नी पर दर्ज हुई FIR 'हमने व्हाट्सऐप मैसेज देखे, ये प्रेम प्रसंग..', दलित लड़की के रेप और हत्या के आरोपों पर बोलीं CM ममता नगर निगम के बजट से नाखुश कांग्रेस, भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों में हुई जमकर तूतू-मेमे