वाशिंगटन: बीते कई दिनों से दुनियाभर में बढ़ता जा रहा कोरोना वायरस का कहर आज थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. हर दिन इस वायरस के कारण दुनियाभर में हजारों मौते होती है, वहीं इसी बात को लेकर पिछले कई दिनों से अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. WHO पर ट्रंप लगातार हमला कर रहे हैं और लगातार उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे है. इतना ही नहीं उन्‍होंने WHO को चीन की झुकाव वाली संस्‍था बताकर उसे मिलने वाले फंड पर भी रोक लगा दी है. इसके अलावा उन्‍होंने वे ये भी आरोप लगा चुके हैं कि WHO ने उन्‍हें गलत जानकारी दी जबकि कोरोना को लेकर वो काफी कुछ जानते थे. अब फंड रोकने के बाद फिर ट्रंप ने WHO पर गंभीर आरोप लगाते हुए तीन सवाल किए हैं. मिली जानकारी के अनुसार ट्रंप ने एक जर्नलिस्ट के हवाले से आरोप लगाया है कि दिसंबर में ही WHO को ताइवान की ओर से जानकारी मिली थी कि कोरोना इंसानों के बीच फैल सकता है लेकिन WHO ने न सिर्फ दुनिया को गलत बल्कि भ्रामक जानकारी भी दी. मीडिया रिपोर्टर के सवालों को दोहराते हुए ट्रंप ने ट्वीट किया है कि WHO ने दिसंबर में ताइवान के स्वास्थ्य अधिकारियों के ईमेल को नजरअंदाज किया. उन्‍होंने ट्वीट में पूछा है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया. वहीं उन्होंने ट्वीट में सवाल किया कि जनवरी और फरवरी में WHO की तरफ से ऐसे दावे क्यों किए गए जो या तो गलत थे या भ्रामक थे, जबकि वायरस दुनियाभर में फैल रहा था. इसकी जानकारी होने के बावजूद WHO ने निर्णायक फैसला लेने के लिए इतना लंबा इंतजार क्यों किया. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका शुरुआत से ही चीन और WHO से सवाल कर रहा है कि आखिर इस महामारी से निपटने में चूक कैसे हुई. ट्रंप ने WHO के ऊपर यह आरोप भी लगाया है कि उसने चीन को लेकर पक्षपात किया है. उन्होंने कहा था कि WHO ने ही इसे बवंडर बना दिया और अमेरिका को गलत सलाह भी दी. अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पियो ने भी कहा था कि चीन नहीं चाहता था कि दुनिया को इस वायरस के बारे में पता चले और WHO ने इसमें चीन का साथ दिया. जानिए क्यों मनाया जाता है World Heritage Day?... कोरोना महामारी को लेकर इस देश के निशाने पर आया चीन संयुक्त राष्ट्र ने जताई हज़ारों बच्चों की मौत होने की आशंका, बताई ये वजह