महिला समानता दिवस का कनेक्शन अमेरिका में लिए गए एक ऐतिहासिक निर्णय से है जबकि दुनियाभर के कई देश इस दिन महिलाओं के अधिकारों की बात की जाती है। एक शताब्दी पहले की बात की जाए तो अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था, एक लंबी लड़ाई के उपरांत 26 अगस्त 1920 को वहां के संविधान में 19वां संसोधन लागू हुआ, जब पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मतदान का अधिकार हो चुका है। इस संसोधन से पहले अमेरिका में महिलाओं को द्वितीय श्रेणी नागरिक का दर्जा भी प्रदान किया जा चुका है, 50 वर्ष से अधिक समय लगा जब वहां की जागरूक महिलाओं ने अपने देश की सरकारों से तर्क किया है, आंदोलन किए और आखिरकार 26 अगस्त 1920 को उन्हें पुरुषों की बराबरी का दर्जा प्राप्त हुआ। इस संघर्ष में शामिल वकील बेल्ला अब्जुग के सम्मान में 26 अगस्त 1972 को तत्कालीन राष्ट्रपति ने महिला समनता दिवस (Women’s Equality Day) का एलान कर दिया गया है। भारत एवं महिला सशक्तिकरण के नए आयाम: इंडिया हमेशा से ही महिलाओं यदि कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो उनकी सामाजिक सुरक्षा, स्वावलंबन, स्वायतता के साथ ही साथ उनके शैक्षिक, आर्थिक एवं राजनितिक सशक्तिकरण के लिए संवेदनशील था। इंडिया में बने विभिन्न कानून इसी बात को प्रदर्शित भी करते हैं। स्त्री अधिकारों और सुरक्षा से जुड़े भारत के वो 5 प्रमुख कानून, जिसके बारे में हर स्त्री को जानना जरुरी, ताकि वह अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति सजग और जागरूक हो चुके है। विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में इन खिलाड़ियों ने अपने नाम की जीत भाजपा नेता को आत्मघाती विस्फोट से उड़ाना चाहता था 'इस्लामिक स्टेट' का आतंकी, रूस में धराया आखिर अमेरिका की किस चीज को देख इतना घबराया चीन, जानिए पूरा मामला