नमस्कार करना भले ही थोड़ा पुराना तरीका है. लेकिन इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारन है.जो सबको नहीं पता होते है.जब भी आप दोनों हाथो को जोड़ कर नमस्ते करते हैं तो, दोनों हाथों को अपने सीने के सामने जोड़ते हैं, जहां पर अनाहत चक्र स्थापित होता है. यह चक्र प्यार और स्नेह जगाता है, जो हमारा सीधा संपर्क भगवान से करवाता है.जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है. एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर होता है, ताकि सामने वाले व्यक्ति को हम लंबे समय तक याद रख सकें. जानिए क्या है नमस्कार करने का सही तरीका 1-सीधे खड़े हो जाइये, दोनों हाथों को एक सीध पर ला कर जोड़िये. 2-उंगलियां एक साथ जुड़नी चाहिये और अंगूठा थोड़ी दूर पर होना चाहिये. 3-धीरे से अपने जुडे़ हुए हाथों को अपने सीने के पास लाइये. 4-नमस्ते बोलते वक्त अपने सिर को हल्का सा नीचे कीजिये. मनोकामना पूर्ति के लिए माता को चढ़ाये हलवे का...