जानिए क्या है घट स्थापना की सही विधि

नवरात्री के नौ दिनों को मां शक्ति की आराधना के दिन माने जाते है,बहुत से लोग नवरात्र के पहले दिन पर माता दुर्गा की प्रतिमा तथा घट (कलश) की स्थापना करते है, और  इसके बाद ही नवरात्र की  पूजा शुरू करते है,पर क्या आपको पता है की घट की स्थापना के कुछ नियम होते है,अगर घट की स्थापना सही तरीके से ना की जाये तो माँ दुर्गा नाराज हो सकती है और आपकी पूजा का उल्टा असर भी हो सकता है. इसलिए आज हम आपको घट स्थापना का सही तरीका बताने जा रहे है.

घट की स्थापना करने के लिए सबसे पहले अपने घर के  मंदिर में माँ दुर्गा की मूर्ति के सामने मिटटी की वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं डाल दे,अब इन गेंहू के ऊपर अपनी इच्छा के हिसाब से  सोने, तांबे अथवा मिट्टी के कलश की स्थापना करें. अब कलश के ऊपर सोना, चांदी, तांबा, मिट्टी, पत्थर या चित्रमयी मूर्ति की स्थापना करे. इस बात का ध्यान रखे की यदि ये मूर्ति कच्ची मिट्टी, कागज या सिंदूर आदि से बनी हो और जल चढाने से वो ख़राब हो सकती है तो उसके ऊपर शीशा लगा दें.

अगर आपके पास माँ दुर्गा की मूर्ति नहीं है तो आप कलश पर ही स्वस्तिक बनाकर दुर्गाजी का चित्र पुस्तक तथा शालिग्राम को स्थापित करके भगवान विष्णु की पूजा करें. नवरात्र के पहले दिन स्वस्तिक वाचन-शांतिपाठ करके संकल्प करें और सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की आराधना करके मातृका, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का सविधि पूजा करें. अब माँ दुर्गा की मूर्ति की पूजा करें. इस बात का हमेशा ध्यान रखे की यदि आप अपने घर में घट की स्थापना करते है तो इसकी पूजा रोज  पुरे से करे. और साथ ही सप्तशती का पाठ नौ दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए.

 

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