आजकल की इस भागदौड भरी जिन्दगी में तनाव होना एक आम बात हो गया है और तनाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियां का एक ही इलाज है मालिश, परन्तु हम इसके महत्त्व को नहीं समझ पा रहे हैं जिसके कारण लगभग 45 प्रतिशत रोगी मानसिक तनाव से परेशान हैं.मालिश से हमारी तनी हुई मसपेशियां सही दशा में आ जाती हैं, इससे तनाव व शारीरिक दर्द से मुक्ति मिल जाती है. मालिश से थकान तो दूर होती ही है साथ ही रक्त संचार भी बढता है. 1-सिर की मालिश करते समय या किसी से करवाते समय आंखे बंद और मन को एकाग्र रखना चाहिए. ग्रीष्मकाल हो तो सिर एवं बालों को ठंडे पानी से धोकर बालों को तौलिये से अच्छी तरह से पोंछ लें. फिर मालिश करें तो सिर में ठंडक और तरावट के आनन्द का अनुभव होगा. 2-पैरों की मालिश करने के लिए जमीन पर दरी बिछाकर बैठ जाएं तथा सरसों के ऑयल से तलवों पर ऊपर नीचे व अंगूठीों परऑयल लगाकर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें. उंगलियों व अंगूठों को भी भली-भाँति मसलें. 3-पूरी बॉडी में हाथ-पैर की मालिश करना सर्वाधिक उपयोगी है. क्योंकि हम अपने कामकाज करने और चलने फिरने में हाथ पैर का दिनभर प्रयोग करते हैं. 4-मालिश करीब 20 मिनट तक करनी चाहिए. साथ ही शरीर के अंगों को थपथपाते हुए ऑयल का गर्दन करें क्योंकि ऐसा करने से ऊतकों में ऊर्जा का संचार होता है. थोडा आराम करने के पश्चात् सूखे तौलिए से रगडकर नहाना लेना चाहिए. 5-छाती की मालिश में दोनों बगलों की तरफ से हाथ चलाना शुरू कर छाती के मध्य की तरफ लाएं. 6-सिर की मालिश करते समय ज्यादा जोर-जोर से नहीं करनी चाहिए और अपने सिर की मालिश खुद ही करें. सोने से पहले बालों की जडों में उंगलियों के पोरों से तेल लगाते हुए हल्के-हल्के पूरे सिर की मालिश करना लाभदायक है. जाने नहाने के सही तरीको के बारे में