कलियुग में रामभक्त हनुमानजी को प्रत्यक्ष जीवित एवं अमर रहने का वरदान प्राप्त है. इसीलिए वे भक्तों की प्रार्थना सुनकर स्वयं उनकी समस्याओं को दूर कर उनकी रक्षा करते है. 1-हनुमान जी की सिंदूरी प्रतिमा पर सिन्दूर को घी या चमेली के तेल में घोलकर लेप करने को चोला चढ़ाना कहते हैं. हनुमान जी को सिंन्दूर बहुत प्रिय है इसलिए ऐसा करने वाले व्यक्ति से हनुमान जी अत्यंत प्रसन्न होकर उसकी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं. 2-मंगलवार को हनुमान जी पर घी का चोला चढ़ता है और शनिवार को चमेली के तेल का चोला चढ़ता है. 3-चोला चढ़ाने के बाद पुजार की उपस्थिति में हनुमान जी की प्रतिमा का श्रृंगार करें. इसके लिए बाज़ार से चांदी की बरक खरीदकर धीरे-धीरे एक-एक करके हनुमान जी की प्रतिमा पर लगाएं. 4-इसके बाद हनुमान जी को गुलाब की माला अर्पित करें और जनेऊ पहनायें तथा बेसन के लड्डुओं का भोग लगायें 5-इसके पश्चात हनुमान जी की आरती उतारें तथा यथा संभव दक्षिणा मदिर में चढ़ायें. हनुमान जी के चरणों के सिन्दूर को अपने मस्तक पर लगायें. इतना कर लेने भर से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं और जीवन के हर कष्ट को दूर कर देते हैं. शनिदोष दूर करने के लिए करे महामृत्युंजय मंत्र का जाप हनुमानजी की छोटे असरदार मन्त्र से करे उपासना बनारसी पान से करे हनुमान जी की पूजा