आखिर किस पैटर्न से विश्वविद्यालय करा पाएंगे परीक्षा ?

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच विश्वविद्यालयों को अब उन प्रयोगों को भी आजमाने का मौका मिलेगा जिन पर अमल को लेकर वे कभी हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. इन्हीं प्रयोगों में फिलहाल ओपेन बुक्स एक्जाम, एमसीक्यू (मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन), ओएमआर (ऑप्टीकल मार्क रीडिंग) और ओपेन च्वाइसेज जैसे विकल्प शामिल हैं. विश्वविद्यालय अब इन्हें अपने यहां आजमाने के लिए स्वतंत्र होंगे. इसके साथ ही जिन विश्वविद्यालयों के पास आइटी का अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत है, वे ऑनलाइन परीक्षाएं कराने के लिए भी स्वतंत्र होंगे.

कोरोना संकट में आई खुश खबरी, तेजी से ठीक हो रहे लोग

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोरोना संकटकाल की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों के लिए जो गाइडलाइन जारी है उसमें इन सभी विकल्पों को सुझाया गया है. हालांकि यह साफ किया गया है कि विश्वविद्यालय इनमें से जिस भी विकल्स से परीक्षाएं आयोजित कराने की तैयारी करें, उसकी सूचना पहले ही दे दें. बता दें कि यूजीसी के सामने लंबे समय से विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में बदलाव को लेकर दबाव था. इसमें ये सारे विकल्प भी शामिल थे, लेकिन वह किसी नए विवाद के डर से सदैव इससे पीछे हटता रहा है. हालांकि अब इन सभी प्रयोगों को आजमाया जा सकेगा.

मन्ना डे के नाम दर्ज है 4,000 हजार गानों का रिकार्ड, जानें जीवन के रोचक तथ्य

इसके अलाव यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को एक और अहम सुझाव दिया है, जिसमें शैक्षणिक सत्र शुरू होने में देरी को देखते हुए जब भी विश्वविद्यालय खुलें, उन्हें हफ्ते में छह दिन खोलने का सुझाव दिया है. अभी देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में हफ्ते में पांच दिन ही कक्षाएं लगती हैं. यूजीसी का मानना है कि इससे वे छात्रों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई कर सकेंगे.

इंदौर में बढ़ेगा लॉकडाउन ? बैठक के बाद सांसद शंकर लालवानी ने दिया जवाब

निहंगों के हमले में कट गया था हाथ, अब अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौटे SI हरजीत सिंह

Indian Army रेवाड़ी में सैनिक के पदों पर निकली भर्तियां, 10वीं पास करें आवेदन

Related News