पितृ पक्ष या श्राद्ध की शुरुआत इस बार 29 सितंबर से हो गई है तथा इसका समापन 14 अक्टूबर सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा। सर्व पितृ अमावस्या को महालया अमावस्या, पितृ अमावस्या एवं पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है तथा यही पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी होता है। वही पूर्वजों की शांति के लिए पितृ पक्ष में तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान बहुत अहम माना गया है. इस वर्ष पितृ पक्ष 29 सितंबर से आरम्भ होकर 14 अक्टूबर 2023 तक हैं. इसके चलते किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। क्या खाना और क्या नहीं खाना इस पर भी ध्यान रखा जाता है। इस के चलते क्या खरीदें एवं क्या नहीं खरीदना चाहिए यह भी बहुत अहम है। श्राद्ध पक्ष में क्या खरीद सकते हैं:- पूजा एवं हवन की सामग्री खरीद सकते हैं। किसी को दान देने की वस्तुएं खरीद सकते हैं। बहुत आवश्यक सामान खरीद सकते हैं। किराने का सामान खरीद सकते हैं। पितृ पक्ष में क्या नहीं खरीदना चाहिए:- सरसों तेल भी नहीं खरीदते हैं, क्योंकि यह शनि का प्रतीक है। दान करने के लिए पहले से खरीदकर रखें। झाड़ू भी नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि यह माता लक्ष्मी का प्रतीक है। झाड़ू खरीदने से आपको धन हानि हो सकती है। नमक को भी तीक्ष्ण वस्तु माना गया है इसलिए इसे भी नहीं खरीदना चाहिए। दान करने के लिए पहले से खरीदकर रखें। पितृपक्ष में सरसों का तेल, झाडू एवं नमक खरीदते हैं तो इससे त्रिदोष लगता है। पितृ पक्ष के चलते नए वस्त्र नहीं खरीदना चाहिए तथा ना ही पहनना चाहिए, इससे पितृ दोष लगता है। दान करने के लिए पहले से खरीदकर रखें। इस के चलते इत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा न ही खरीदना चाहिए। इस के चलते किसी भी प्रकार के सौंदर्य साधन का इस्तेमाल करना एवं खरीदना वजित है। श्राद्ध पक्ष के चलते साबुन, शैम्पू या किसी भी प्रकार का तेल का उपयोग न करें और न ही खरीदें। मान्यता अनुसार पितृ पक्ष में आप घर और जमीन खरीदते हैं तो आपको उससे सुख की प्राप्ति नहीं होगी। पितृ पक्ष के चलते लोहे का सामान भी नहीं खरीदना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। श्राद्ध पक्ष में सोना, चांदी या अन्य चीजों की खरीदारी की भी मनाही है। अनंत चतुर्दशी पर राशि अनुसार बांधें पवित्र डोरी, इन मंत्रों का करें जाप ईसाई धर्म में भी हैं कई सारे सम्प्रदाय, जानिए उनके बारे में अहम बातें ! इस्लाम में क्यों कहे जाते हैं 73 फिरके, क्या शिया,सुन्नी और सूफी इस्लाम ?