जानिए यदि MCD में भाजपा हारी तो उसे क्या होगा फायदा

ना ना खबर का शीर्षक देखकर यह मत सोचिये कि हम बीजेपी के दुश्मन हैं, जो उसके हारने की कामना कर रहे हैं, दरअसल हम तो एक राजनीतिक विश्लेषण कर एक छोटी हार के बदले बड़ी जीत का ऐसा सूत्र बताना चाहते हैं कि बीजेपी की बल्ले- बल्ले हो जाएगी. बता दें कि राजनीति के दांव पेच इतने टेढ़े मेढ़े होते हैं कि आम आदमी तो चकरघिन्नी बन जाये. आज ही दिल्ली के राजौरी गार्डन सीट के विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी हार गई. भाजपा खुश है. लेकिन यह ख़ुशी आगामी भविष्य को देखते हुए हल्की ही लगती है. क्योंकि जहां छोटी और कम पार्टियां हारती है, वहां भाजपा अच्छा प्रदर्शन करती है.

आप के राजौरी गार्डन के प्रत्याशी जनरैल सिंह पंजाब चुनाव में पार्टी के मुख्य नेता बने थे. आप पंजाब में भी बुरी तरह हारी. लेकिन गुजरात में ये पार्टी मजबूत हुई थी. वहां पर इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है.भाजपा को आम आदमी पार्टी की इस हार से कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि उना के दलित आंदोलन के बाद गुजरात में आप कमजोर होने लगी है. अन्य जगहों पर मिली हार से आप और कमजोर हो सकती है. भाजपा इससे नाखुश ही होगी. क्योंकि गुजरात में आप के कमजोर होने से सीधा फायदा कांग्रेस को होगा. क्योंकि आप पहले कांग्रेस के ही वोट काटती है.

यह बात गौर करने लायक है कि चुनावों में ज्यादातर वक्त भाजपा का प्रदर्शन तब ज्यादा बढ़िया रहता है जब कई पार्टियां दावेदार होती हैं. गोवा और उत्तराखंड अपवाद हैं. इस दृष्टि से ये कहा जा सकता है कि कई पार्टियों के महत्वपूर्ण रहने की सूरत में भाजपा जीतने लगती है.इसी तर्क को अगर आगे बढ़ाएं तो भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली के एमसीडी चुनाव में हार जाने पर होगा. जिस चुनाव में प्रधानमंत्री से लेकर योगी आदित्यनाथ तक को लाने की बात कही जा रही है, उस चुनाव की हार भाजपा को गुजरात जीतने में मदद करेगी.

इसको दूसरे तरीके से भी समझा जा सकता है. अगर केजरीवाल एमसीडी चुनाव जीत जाते हैं तो वो ईवीएम का मुद्दा भूल जाएंगे. इससे भाजपा की विश्वसनीयता बढ़ेगी कि वो तो हमेशा सत्य ही बोलते हैं. केजरीवाल झूठ का सहारा लेकर बदनाम कर रहे थे. आप गुजरात में मजबूत होगी. जिससे कांग्रेस के वोट कटेंगे और भाजपा को सीधा फायदा होगा.दिल्ली में सफाई की जिम्मेदारी तब केजरीवाल की हो जाएगी. प्रधानमंत्री विदेश जाते वक्त कार से कूड़े के साथ सेल्फी लेकर केजरीवाल को टैग कर सकते हैं. सच तो ये है कि दिल्ली में सफाई करवा सकने का दम किसी पार्टी के पास नहीं है. सफाई अब अत्याधुनिक संयंत्र लगने पर ही हो पाएगी. क्योंकि इतने ज्यादा कूड़े का निस्तारण झाड़ू को पोस्टर पर छपवाने और स्वच्छ भारत सेस लगाने से नहीं होगी.

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