अगर आप EMI के द्वारा लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच Credit Card से बिल का भुगतान करना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि आपके लोन की अवधि लंबे समय तक चलेगी. ऐसे ग्राहक जो एक बार में क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं कर सकते उनके लिए EMI का विकल्प बेहतर है. यदि आप EMI शुरू करवाते हैं और समय पर किस्तों का भुगतान कर देते हैं तो आपको इसके लिए अलग से कोई ब्याज दर नहीं देना होता है. वही, अगर आप क्रेडिट कार्ड बिल को EMI में बदलवाना चाहते हैं तो इसके लिए आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर क्रेडिट EMI विकल्प चुन सकते हैं, आप चाहें तो कस्टमर केयर फोन करके भी EMI के लिए बात कर सकते हैं. पटरी पर लौट रहे है कारोबार, व्यापारियों ने की ये मांग आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यदि आप नियत तारीख से पहले बिल की पूरी राशि का भुगतान करते हैं, तो आपको कोई ब्याज नहीं देना होगा. हालांकि, यदि आप राशि को EMI में परिवर्तित करते हैं, तो आपको बिल राशि का भुगतान ब्याज सहित करना होगा.जब आप क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि को EMI में बदलते हैं, तो आपके क्रेडिट कार्ड के बिल को निश्चित किस्तों या छोटे EMI में बांटा जाता है, जो कि निश्चित संख्या में महीनों के लिए चुकाया जाता है. कोरोना वायरस का असर, जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य टला इसके अलावा यह ब्याज दर एक कार्ड जारीकर्ता से दूसरे में अलग हो सकता है. आम तौर पर ब्याज दर आपके कर्ज के कार्यकाल से जुड़ा होता है, जितना लंबा कार्यकाल, उतना अधिक ब्याज. आम तौर पर बिल या कार्ड जारी करने वाले के द्वारा बिल को EMI में बदलने के लिए छह महीने से दो साल की अवधि की पेशकश की जाती है. वही, कुछ बैंक या क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कोई भी प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते हैं. हालांकि, कुछ बैंक एक एडवांस लोन प्रोसेसिंग शुल्क लगा सकते हैं. यह चार्ज बैंक से बैंक में भिन्न होता है और आमतौर पर आपके बिल की राशि का 3 फीसद (EMI में परिवर्तित) या आपके कार्ड और बिल या कर्ज राशि पर निर्भर करता है. ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचे सोने के दाम, चांदी में भी आई मजबूती कोरोना संकट में इस बैंक पर RBI ने गिराई गाज, उभोक्ताओं के पैसा निकालने पर लगी रोक मैगी के लिए अवसर साबित हुआ कोरोना लॉक डाउन, 25 प्रतिसत बढ़ा उत्पादन