कहा जाता है कि भगवान ने इस दुनिया का निर्माण बड़े ही खूबसूरत ढंग किया है, और इस दुनिया में कई ऐसे जीव भी बनाए है, जिनके बारें में जानना अब भी बाकी है. वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि दुनिया के कई रहस्य और उनके बारें में जानना उतना ही रोमांचित हो जाता है . अब मनुष्य जीवन की ही बात की जाए तो आज के समय में 100 में से 90 प्रतिशत लोग ये जानना चाहते है कि इस धरती पर मानव जीवन कैसे आया, या फिर मानव जीवन की उत्पति कैसे हुई...? उसे ईश्वर ने कैसे बनाया...? और किस तरह से ये जीवनकाल का चक्र शुरू हुआ. तो चलिए जानते है मानव जीवन और उनके जन्म से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें.... क्या आप जानते है? ईश्वर ने इंसानों को क्यों बनाया, ऐसा क्या हुआ था स्वर्ग में की ईश्वर को मानव का निर्माण करना पड़ा, क्या आप जानते है कि आप इस दुनिया में किस काम के लिए आए है? सदियों से लोग इसी बात को जनाने के लिए बेताब है कि इंसान कहा से आया है, इंसान को किसने बनाया है, आखिर इंसान का इस धरती पर क्या मकसद है. क्या पैदा होना, पैसे कामना, शादी करना, बच्चे पैदा करना, और फिर मर जाना, क्या यही इंसान के जीने का मकसद है. वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि इस बात का जवाब केवल दे सकता है जिसने इंसानों को बनाया. और इसके बारें में सिर्फ बाइबिल में ही गहराई लिखा हुआ है, यह बात उस वक़्त की है जब परमेश्वर के दूत परमेश्वर की आराधना करते थे और उनका लीडर लूसिफर आराधना करने में उनकी अगवाई करता था. एक दिन लूसिफल के दिल में घमंड आया और एक दिन उसने परमेश्वर के खिलाफ बगावत कर दी. जिसके कारण लूसिफर को स्वर्ग से बेदखल कर दिया गया था. जिसके ठीक बाद लूसिफर को शैतान के रूप से जाना जाने लगा. बाइबिल में ये भी साफ़ लिखा है कि जब लूसिफर को जीवन दान दिया गया था, तब उसके अंदर कई खूबियां भी मौजूद थी. हम बता दें कि बाइबिल के यहेजकेल 28:13 में लिखा हुआ है:- तू परमेश्‍वर की अदन नामक बारी में था, तेरे पास आभूषण, माणिक, पद्यराग, हीरा, फीरोज़ा, सुलैमानी मणि, यशब, नीलमणि, मरकद, और लाल सब भाँति के मणि और सोने के पहिरावे थे; तेरे डफ और बाँसुलियाँ तुझी में बनाई गई थीं. जिस दिन तू सिरजा गया था, उस दिन वे भी तैयार की गई थीं. जिसका मतलब यह था कि परमेश्वर ने तुझे बनाया, तुझे जीवनदान दिया और तेरे पार स्वर्ण आभूषणों की कोई भी कमी न थी. तू इस दुनिया का पहला ऐसा आराध्य रहा जो इस पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे धनी था. वहीं यशायाह 14:11 में तेरा वैभव और तेरी सारंगियों का शब्द अधोलोक में उतारा गया है कीड़े तेरा बिछौना और केंचुए तेरा ओढ़ना हैं।’ जब लूसिफर को बनाया गया था तो उसके अंदर कई ओर भी गुण थे, ऐसा इसलिए क्यूंकि वह सबसे बड़ा आराधक माना जाता था. इसके साथ ही वह दूसरे दूतों की आराधना में अगुवाई भी किया करता था, पर उसके कुछ समय बाद उसे इन्ही सब बातों का घमंड हो गया और यही घमंड उसकी बर्बादी का कारण बन गया. जब पृथ्वी का निर्माण हुआ था तब परमेश्वर में कई सुंदर चीजें भी बनाई थी और लेकिन उस समय भी मनुष्यों की उत्पति नहीं हुई थी, दुनिया भर में कई तरह- तरह के जानवर और बहुत ही खूबसूरत जिव जंतु को भी बनाया, लेकिन जब इस पृथ्वी पर लूसिफर को दंड के तौर भेजा गया था. जिसके कुछ समय बाद ही धरती में तबाही देखने को मिली. इसी के साथ धरती पूरी तरह से बेडोल हो गई, जिसके कुछ समय बाद ही परमेश्वर धरती पर आए और पृथ्वी का दुबारा से निर्माण किया, उन्होंने जल, थल, पशु- पक्षी, समुद्र और इसी तरह की कई और भी चीजें बनाई. लेकिन यह भीं कहा जाता है की धरती पर एक समय में केवल अंधकार ही अंधकार था, फिर उसे बाद पर परमेश्वर ने कहा उजाला हो तो उजाला हो गया. फिर कहा अँधेरा हो तो अँधेरा हो गया. इसी तरह से जैसे-जैसे जो जो परमेश्वर ने कहा, वैसा- वैसा होता गया. इतना कुछ बनने के बाद परमेश्वर ने अपनी मुट्ठी में मिट्टी उठाई और उस मिट्टी से पुतला तैयार किया. बाइबिल के अनुसार इस पुतले में परमेश्वर ने अपनी सास फूंकी और कहा यह है मेरा नया आराध्य, यह मेरी आराधना करेगा, जिसके तुरंत बाद परमेश्वर ने कहा मेरे पास मेरी आराधना करने वाले लोग हमेशा रहेंगे. जो मेरी महिमा करेंगे मेरी स्तुति करेंगे. जो मुझे पुकारेंगे और में उन्हें उत्तर दूंगा. तभी उन्होंने शैतान से यह भी कहा- यह मिट्टी का पुतला जिसे मैंने जीवन दान दिया है. ये तेरा सर कुचलेगा, और तेरा अंत करेगा. ऐसा कहा जाता है की आज भी परमेश्वर उन सच्चे आराधकों को ढूंढता है. जो परमेश्वर की महिमा करते है. और शैतान को शर्मिंदा करें. तो यही कारण है कि परमेश्वर ने केवल मानव को जीने और मरने के लिए नहीं बल्कि इस दुनिया से बुराई, शैतान के अहंकार को ठेस पहुंचाएगा. निजी अस्पतालों में इस कीमत पर मिलेगी कोरोना वैक्सीन की एक डोज! तेलंगाना पुलिस बल ने सिद्दीपेट में गोहत्या के लिए 8 अपराधियों को किया गिरफ्तार आखिर क्यों चंद्रदेव ने की थी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना?