आप सभी ने अक्सर ससुराल में ननद भाभी के झगड़े देखे होंगे। ऐसे में सभी के मन में यह ख्याल रहता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है तो हम आपको आज इसके पीछे का कारण बताने जा रहे हैं जो पौराणिक ग्रंथों में लिखा है। आज हम आपको वह कथा बताने जा रहे हैं जिसमे यह बताया गया है कि आखिर क्यों होते हैं ननद भाभी के झगड़े। पौराणिक कथा - जब माता पार्वती, भगवान शिव से विवाह कर कैलाश पर्वत पर आईं, तब वे कई बार उदास और अकेला महसूस करती थीं। तब भगवान शिव ने पार्वती जी से उदासी का कारण पूछा तो माता पार्वती ने उनसे कहा कि उन्हें एक ननद चाहिए। भोलेनाथ ने अपनी माया से एक स्त्री असावरी देवी को उत्पन्न किया। वह स्त्री बहुत मोटी और भद्दी थी, उनके पैर भी फटे हुए थे।देवी पार्वती ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें स्वादिष्ट भोजन उनके सामने परोस दिया। तो असावरी देवी सारा भोजन चट कर गईं। इस बीच असावरी देवी को शरारत सूझी, उन्होंने देवी पार्वती को अपने फटे पांव की दरारों में छिपा लिया, जहां उनका दम घुटने लगा।जब भगवान भोलेनाथ वापस आए तो अपनी पत्नी को ना पाकर बहुत चिंतित हुए। उन्होंने असावरी देवी से पूछा तो उन्होनें पैरों की दरारों से उन्हें आजाद कर दिया। आजाद होते ही माता पार्वती ने कहा कि भोलेनाथ, कृपा कर ननद को अपने ससुराल भेज दें। तभी से ननद और भाभी के बीच नोक-झोक का सिलसिला आज तक चला आ रहा है। और आज भी जिस घर में ननद और भाभी होती है वहा पर दोनों के बीच नोक-झोक स्वभाविक होती है। खरमास में बंद हो जाते है मांगलिक कार्य घर में मनीप्लांट लगाने से होती है धनवर्षा इस दिन नहीं करना चाहिए बेटियों की विदाई, होता है कुछ ऐसा