मुंबई: मुस्लिम महिलाओं की खुलेआम बोली लगाने वाले BulliBai App के अपराधी को मुंबई की सत्र कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया. दरअसल, अदालत ने कहा कि तहकीकात की जानी चाहिए तथा इस स्तर पर अपराधी विशाल झा के किरदार को शेष अपराधियों से अलग नहीं किया जा सकता है. जस्टिस संजाश्री घरत ने कहा, 'अपराध के अनिर्धारित पहलुओं की तहकीकात के लिए हिरासत में पूछताछ की जरुरत है, इसलिए इस तहकीकात जारी होने पर जमानत पर रिहा करने के लिए अपराधी की याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है. वही BulliBai ऐप के सामने आने के पश्चात् 21 वर्षीय इंजीनियरिंग विद्यार्थी विशाल झा को बेंगलुरु से अरेस्ट किया गया था तथा उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसके तुरंत पश्चात वह जमानत के लिए अदालत चला गया, जिसे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दिया. तत्पश्चात, विशाल झा ने जमानत के लिए सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. वही मजिस्ट्रेट कोर्ट के पश्चात् सत्र न्यायालय ने भी विशाल झा की जमानत याचिका खारिज कर दी. इस के चलते न्यायाधीश ने कहा कि BulliBai ऐप विकसित करने के अपराधी नीरज बिश्नोई ने विशाल झा समेत मामले के अन्य अपराधियों की सहायता से ऐसा किया था, उक्त ऐप का इस्तेमाल मुस्लिम महिला की वर्चुअल खरीद तथा बिक्री के लिए किया जाता. न्यायाधीश ने कहा कि BulliBai ऐप मानहानि की वजह बना, खास समुदाय की भावनाओं एवं महिला की गरिमा को दुःख पहुँचाया. अदालत ने यह भी कहा कि मामले में आगे की तहकीकात की आवश्यकता है जो अभी आरभिंक चरण में है. वहीं विशाल झा की तरफ से पेश वकील शिवम देशमुख ने बोला था कि झा को मामले में झूठा फंसाया गया था. विशाल झा के अधिवक्ता ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि झा के कथित ट्विटर अकाउंट का उपयोग शिकायतकर्ता या किसी अन्य महिला की छवि धूमिल करने के लिए किया गया था, एजेंसी के पास पहले से ही उसका लैपटॉप, मोबाइल फोन तथा सिम कार्ड बरामद है, जिनसे छेड़छाड़ संभव नहीं है. युद्ध के बीच भारत की मदद के लिए आगे आया रूस, किया बड़ा ऐलान सूर्या और उनके प्रशंसकों ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की राहत की खबर- यूक्रेन की राजधानी कीव में अब कोई भारतीय नहीं