जानिए क्यों नहीं होता है शिवजी की पूजा में केतकी के फूलो का प्रयोग

हमारे शास्त्रों में शिवजी की पूजा में केतकी के फूलो का इस्तेमाल वर्जित माना गया है,ऐसा कहा जाता है की शिवजी को केतकी का फूल चढाने से वो नाराज हो जाते है जिससे आपके जीवन में बहुत सारे संकट आ सकते है.पर क्या आपको बता है की शिवजी की पूजा में केतकी के फूलो का प्रयोग निषेध क्यों है.आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे है. 

शास्त्रों में लिखा है की बहुत समय पहले एक बार जब ब्रह्म देव और विष्णु देव  बीच ये बहस छिड़ गयी की उन दोनों में अधिक श्रेष्ठ कौन है.और जब बातो से इस बात का परिणाम नहीं निकला तो उन्होंने इस बात का फैसला करने के लिए एक दूसरे पर अस्त्रों शस्त्रों का प्रयोग शुरू कर दिया.तब उन्हें शांत करने के लिए शिव जी एक ज्योतिर्लिंग का रूप धारण करके उनके सामने प्रकट हुए और उनसे बोले की जो भी पहले मेरे इस ज्योतिर्लिंग के शुरू और अंत  का पता लगाकर वापस आएगा तो उसे ही श्रेष्ठ माना जायेगा.बस फिर क्या था ब्रह्म देव इस बात का पता लगाने ज्योतिर्लिंग के ऊपर की तरफ गए और विष्णुजी ज्योतिर्लिंग के नीचे की तरफ.पर उन्हें उस ज्योतिर्लिंग का ना कोई भी ओर छोर नहीं मिला तो विष्णु देव ने हार मान ली.पर ब्रह्म देव अपनी हार मानने को तैयार नहीं तो और उन्होंने झूट बोल दिया की उनको इस ज्योतिर्लिंग के आदि का पता चल चुका है.और उनके इस झूट में केतकी फूल ने उनका साथ दिया.इस झूठ से शिवजी नाराज हो गए और ब्रह्म देव का एक सिर काट दिया और केतकी फूल को श्राप दिया की उनकी पूजा मे कभी भी इस फूल का प्रयोग नही होगा .बस तभी से शिवजी की पूजा में केतकी के फूलो का प्रयोग वर्जित माना जाता है.

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