दुनिया भर में आज मदर्स डे मनाया जाएगा. दुनिया में शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जो अपनी माँ से प्यार ना करता हो. हर किसी के दिल में अपनी माँ के लिए एक खास जगह होती है. लेकिन ज्यादातर लोग इसे जाहिर नहीं कर पाते है. मदर्स डे एक बेहतर मौका है. जब आप अपनी माँ को बता सकते है के ही वह आपके लिए कितनी अहमियत रखती है. आज हम आपको मदर्स डे मानाने के पीछे के प्रमुख वजह को बताने जा रहे है. इतिहासकारो की माने तो मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस से आरम्भ हुई थी. कहा जाता है की मदर्स डे देवताओ की माँ स्य्बेले के सम्मान में मनाया जाता है. वही ब्रिटेन और यूरोप में माताओ को सम्मान देने के उद्देश्य से कई परंपराएं प्रचलित है. जिसमे से यह भी एक है. यहाँ कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे, लेंट में चौथे रविवार को वर्जिन मेरी और 'मदर चर्च' को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, अमेरिका में जुलिया वॉर्ड होवे द्वारा सबसे पहले मदर डे द्वारा मनाया गया थ. 1971 में एना जॉर्विस ने मई के दुसरे संडे को 'मदर्स डे' के रूप में मानाने का एलान किया और मदर डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन किया. कई देशो में धर्मों की देवी के जन्मदिवस को इस दिन के रूप में मनाया जाता है. जैसे की वर्जिन मैरी डे और इस्लामिक देशों में पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा के जन्मदिन पर मदर्स डे मनाया जाता है. चिन और जापान में लोग इस दिन अपनी माँ को गुलनार के फूल भेट करते हुए देखे जा सकते है. वही भारत में इस दिन को कस्तुरबा गांधी के सम्मान के रूप में मनाया जाता है.