एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ. सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, हे देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुनकर देवराज इंद्र उलझन में पड़ गए और कुछ देर सोच कर बोले, हे देवगणों! मैं इस प्रश्न का उत्तर देने में असमर्थ हूं पृथ्वीलोक में उज्ज्यिनी नगरी में राजा विक्रमादित्य का राज्य है वह न्याय करने में अत्यंत लोकप्रिय हैं दूध का दूध और पानी का पानी अलग करने का न्याय करते हैं सभी देवता पृथ्वी लोक में उज्ज्यिनी नगरी में पहुंचे . देवताओ ने अपना प्रश्न पूछा तो राजा विक्रमादित्य भी कुछ देर के लिए परेशान हो उठे क्योकि सभी देवता अपनी-अपनी शक्तियों के कारण महान शक्तिशाली थे. तभी राजा विक्रमादित्य को एक उपाय सूझा और उन्होंने विभिन्न धातुओं- स्वर्ण, रजत, कांसा, तांबा, सीसा, रांगा, जस्ता, अभ्रक, व लोहे के नौ आसन बनवाए. धातुओं के गुणों के अनुसार सभी आसनों को एक-दूसरे के पीछे रखवा कर उन्होंने देवताओं को अपने-अपने सिंहासन पर बैठने को कहा और बैठने के बाद राजा विक्रमादित्य ने कहा, आपका निर्णय तो स्वयं हो गया जो सबसे पहले सिंहासन पर विराजमान है, वही सबसे बड़ा है राजा विक्रमादित्य के निर्णय को सुनकर शनि देवता ने सबसे पीछे आसन पर बैठने के कारण अपने को छोटा जानकर क्रोधित होकर कहा, राजन! तुमने मुझे सबसे पीछे बैठाकर मेरा अपमान किया है तुम मेरी शक्तियों से परिचित नहीं हो मैं तुम्हारा सर्वनाश कर दूंगा और इस तरह शनि देव राजा से रुष्ट हो गए . दीपिका पादुकोण के किरदार में नजर आएगी ये टीवी एक्ट्रेस बॉलीवुड डेब्यू करने जा रही निया शर्मा ने शेयर की हॉट फोटोज 'मिलन टॉकीज' से बॉलीवुड में एंट्री कर रही है ये कन्नड़ एक्ट्रेस रिलीज हुआ 'Twisted 2' का दूसरा गाना श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने खुद के खिलाफ जीता अविश्वास प्रस्ताव