जानिए आखिर सब्जी बेचने के लिए क्यों मज़बूर हुई युवा एथलीट गीता कुमारी

झारखंड की एथलीट गीता कुमारी को आर्थिक परेशानियों के कारण रामगढ़ जिले की गलियों में सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद हालांकि गीता को रामगढ़ जिला प्रशासन से 50,000 रुपए और एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ाने के लिए 3,000 रुपए का मासिक वजीफा पाने में मदद मिली. सोरेन को ट्विटर के जरिए जानकारी मिली कि गीता वित्तीय समस्याओं के कारण सड़क किनारे सब्जी बेचने को मजबूर है. मुख्यमंत्री ने रामगढ़ के उपायुक्त को कुमारी की आर्थिक रूप से सहायता करने का निर्देश दिया ताकि वह अपने एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ा सके.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि रामगढ़ के उपायुक्त (डीसी) संदीप सिंह ने सोमवार को गीता को 50,000 रुपए का चेक दिया और एथलीट को 3,000 रुपए मासिक वजीफा देने की भी घोषणा की. खेल की दुनिया में एथलीट की सफलता की कामना करते हुए उपायुक्त ने कहा -रामगढ़ में कई खिलाड़ी हैं जो देश के लिए सफलता हासिल करने में सक्षम हैं, और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें समर्थन मिले.

गीता के चचेरे भाई धनंजय प्रजापति ने कहा- वह सब्जी बेचने के साथ हजारीबाग जिले के आनंद कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष की छात्रा है. उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और अब प्रशासन की मदद मिलने से वह खुश है. विज्ञप्ति के मुताबिक गीता ने राज्य स्तर पर चलने वाली प्रतियोगिताओं में 8 स्वर्ण पदक हासिल किये है. उन्होंने कोलकाता में आयोजित प्रतियोगिताओं में एक रजत पदक और एक कांस्य पदक जीता था.

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