इस मंदिर की खासियत जानने के बाद आप भी पहुँच जाएंगे दर्शन के लिए

रिध्दि-सिध्दी के दाता भगवान श्री गणेश अन्य सभी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाते हैं। इतना ही नहीं किसी भी काम की शुरूआत अगर हो तो वह भी भगवान श्री गणेश का नाम लेकर ही किया जाता है। भगवान श्री गणेश को भगवान शिव जी के गणों के प्रधान देवता के तौर पर भी जाना जाता है। यूं तो भगवान श्री गणेश के कई मंदिर हैं लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जो बेहद जागृत हैं। भगवान श्री गणेश के लोकप्रिय मंदिरों में से ही एक पुराना मंदिर हैं श्री त्रिनेत्र गणेश जिन्हें सालासर श्री गणेश भी कहा जाता है। यह मंदिर रणथम्भौर क्षेत्र में प्रतिष्ठापित है।

इस मंदिर की ख़ास बात यह है की यहाँ भगवान श्री गणेश अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि और सिद्धि के साथ प्रतिष्ठापित हैं। भगवान के दोनों पुत्र शुभ और लाभ भी उनके साथ विराजित हैं। यह संभवतः एकमात्र ऐसा परिवार है जहां भगवान अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं। यह मंदिर दक्षिण पूर्व राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित रणथम्बौर नेशनल पार्क में स्थित है। यह मंदिर कोटा से 110 किलोमीटर उत्तर - पूर्व में और जयपुर से करीब 130 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित हैं।

यह मंदिर सालासर से करीब 300 किलोमीटर दूर मौजूद है। यह मंदिर रणथम्भौर किले में प्रतिष्ठापित है। दरअसल मंदिर का निर्माण 1299 में राजा हमीर की युद्ध विजय के बाद करवाया गया। भगवान ने राजा को स्वप्न में दर्शन दिए थे और फिर किले पर त्रिनेत्र श्री गणेश की का स्वरूप अंकित हो गया था। जिसके बाद भगवान का यह स्वरूप यहां प्रतिष्ठापित हुआ। भगवान श्री गणेश बुधवार को श्रद्धालुओं को विशेष दर्शन देते हैं। यहां दर्शन करने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है। 

 

दुःख के समय इसलिए होता है और दुःख का ऐहसास

आज भी इस शहर में विराजते है भगवान भोलेनाथ

इसलिए भगवान गणेश को मोदक और चूहा पसंद है

लाल रंग की चीजों से करे हनुमानजी की पूजा

Related News