कोलकाता: कोरोना संकट के बीच पश्चिम बंगाल में फर्जी IAS अधिकारी बन फेक कोरोना टीकाकरण कैंप लगाने का केस तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर कोलकाता पुलिस ने तीन और अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली है तो वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन कर दिया गया है। बताया गया है कि समिति द्वारा फेक टीकाकरण के प्रभाव को जानने का प्रयास किया जाएगा, तथा उसी के अनुसार उपयुक्त एक्शन लिया जाएगा। वही इस केस में मुख्य अपराधी देबांजन देब को कोलकाता पुलिस ने कुछ दिन पहले ही अरेस्ट कर लिया था। इस व्यक्ति ने स्वयं को पहले IAS अफसर बताया तथा उसके पश्चात् दो टीकाकरण कैंप का आयोजन किया गया। बाद में जांच के चलते ये साफ हुआ कि देबांजन ने खुद को फेक IAS अधिकारी बताकर इस नकली टीकाकरण अभियान को अंजाम दिया था। पुलिस मामले की जांच निरंतर कर रही है तथा अब तीन और अपराधियों की गिरफ्तारी हो गई है। अरेस्ट हुए व्यक्तियों में दो व्यक्ति तो वो हैं जो खोले गए बैंक अकाउंट में हस्ताक्षरकर्ता के किरदार में थे। बताया गया था कि देबांजन देब ने KMC बैंक में एक अकाउंट खोला था। उस खाते को आरम्भ करने के चलते अपराधी सुशांता दास और राबिन सिकदर हस्ताक्षरकर्ता थे। वहीं जो तीसरा अपराधी है वो भी देबांजन देब का भागीदार रहा है तथा उसने भी इस पूरे कांड में एक एक्टिव किरदार निभाया है। जिसे दादा बोलती थी बच्ची उसी ने किया ऐसा काम की समाज हो गया शर्मशार सागर धनखड़ मर्डर केस में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, सुशील कुमार का एक और साथी हुआ गिरफ्तार कही और तय हो गई प्रेमिका की शादी तो प्रेमी ने उठाया यह खौफनाक कदम